चीन ने माना, भारत में बना कोरोना वैक्सीन क्वालिटी में बेहतर, कीमत भी है कम. भारत में बने कोरोनावायरस टीकों की चीन ने आधे-अधूरे मन से तारीफ करते हुए कहा कि उसके दक्षिण एशियाई पड़ोस देश में बने वैक्सीन की गुणवत्ता के मामले में किसी से भी पीछे नहीं है. चीन कम्युनिस्ट पार्टी के ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में चीनी विशेषज्ञों ने एक स्वर में यह कहा है कि भारत में निर्मित हुए कोरोनावायरस के टीके चीनी टीकों के मुकाबले किसी भी एंगल से कम नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि भारतीय टीके रिसर्च और प्रोडक्शन क्षमता किसी भी स्तर पर कमतर नहीं हैं.वैश्विक बाजार में दखल के लिए भारत बना रहा टीका.विशेषज्ञों का कहना है कि भारत वैक्सीन के निर्यात की योजना बना रहा है और वैश्विक बाजार के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है, लेकिन भारत का यह कदम राजनीतिक और आर्थिक उद्देश्य से उठाया गया है. उनका कहना है कि भारत अपने यहां बने टीकों का उपयोग वैश्विक राजनीति में अपनी दखल को बढ़ाने और चीन निर्मित टीकों का मुकाबला करने के लिए कर रहा है.भारतीय टीकों की कीमतें कम.ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि दुनिया में भारत सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है और श्रम कीमतों में कमी और अच्छी सुविधाओं के चलते उनके टीकों की कीमत भी कम है. इस रिपोर्ट में जिलिन यूनिवर्सिटी का हवाला देते हुए यह कहा गया है कि भारत जेनेरिक दवाओं के मामले में नंबर एक की पोजिशन है और वह वैक्सीन बनाने में चीन से भी पीछे नहीं है.रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि भारत लगभग 60 फीसद टीके का उत्पादन करता है और कई देश कोरोना टीके की खुराक भेजे जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वैश्विक बाजारों में भारत निर्मित टीकों की बढ़ती स्वीकार्यता के बीच यह रिपोर्ट आई है. दक्षिण अफ्रीका ने गुरुवार को सीरम इंस्टीट्यूट से 15 लाख वैक्सीन लेने का एलान किया था.
अनुज मिश्रा की रिपोर्ट.