73वें आर्मी डे के मौके पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने एक बार फिर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को चेतावनी दी है. एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीन को कड़ा संदेश देते हुए नरवणे ने कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए, हालांकि वह उत्तरी मोर्चे पर जारी सीमा गतिरोध को बातचीत और राजनीतिक उपायों से हल करने को प्रतिबद्ध हैं.जनरल नरवणे ने ‘सेना दिवस परेड’ के मौके पर कहा कि सीमा पर एकतरफा बदलाव की साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया गया है और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से विवाद हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेनी की गलती नहीं करनी चाहिए.’15 जून को गलवान घाटी में हुआ था संघर्ष.गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या सार्वजनिक नहीं की है. एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 सैनिक मारे गए थे.सेना प्रमुख ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारत और चीन के बीच आठ दौर की सैन्य वार्ता भी हुई है. उन्होंने कहा, ‘हम आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर वर्तमान स्थिति का समाधान खोजना जारी रखेंगे.
प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट.