कौशलेन्द्र पाराशर /पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के पार्थिव शरीर को सोमवार को दिल्ली के ITO कब्रगाह में दफन कर दिया गया. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा समेत बड़ी संख्या में शहाबुद्दीन के समर्थक उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान ऐसा मौका भी आया जब लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ नारे लगे. लेकिन विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर टिप्पणी की, लालू परिवार और राजद उनके परिवार के परिवार के पीछे खड़ा है.शहाबुद्दीन के निधन को लेकर बिहार से लेकर दिल्ली तक खूब सियासत हो रही थी, लेकिन सोमवार दोपहर शहाबुद्दीन का जनाजा लेकर उनके बेटे ओसामा दिल्ली स्थित ITO कब्रगाह आए और फिर उनके पार्थिव शरीर की यहां सुपुर्दे खाक कर दिया. इस दौरान मौके पर मौजूद राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सह पूर्व प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन साहब के मौत के बाद कुछ लोग गुमराही की सियासत में लग गए हैं. ऐसे लोगों से होशियार रहना है, क्योंकि मो शहाबुद्दीन साहब की मौत की साजिश में संलिप्त लोगों को बचाने की नियत से ही इस मामले को दूसरे दिशा की ओर मोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है. पहले ही दिन से कहा कि सिस्टम ने शहाबुद्दीन साहब के साथ साजिश की है और इस साजिश में तिहाड़ जेल प्रशासन और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जिसकी जांच होनी चाहिए. वहीं शहाबुद्दीन की शव यात्रा के दौरान मौके पर मौजूद आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि मो. शहाबुद्दीन को शाहीन बाग, बटला हाउस या दिल्ली गेट कब्रिस्तान में दफनाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी जो उचित नहीं है. इतना ही नही इन्होंने यह भी कहा कि हम तो चाहते थे कि उनके परिवार की मांग पर सीवान में दफनाने की अनुमति मिले, मगर ऐसा हो न सका.समर्थक भड़के तो लालू फैमिली बैकफुट पर आई.शहाबुद्दीन को सुपुर्द-ए-खाक करने के समय उनके समर्थक भड़क उठे, जिसके बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर सफाई दी. तेजस्वी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर सफाई दी. तेजस्वी ने लिखा- ‘आरजेडी शहाबुद्दीन के परिवार वालों के साथ मजबूती से खड़ी रही है और आगे भी रहेगी.’ तेजस्वी ने यह भी कहा कि ‘उन्होंने और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने मो शहाबुद्दीन के इलाज से लेकर उनके शव को सीवान ले जाने के लिए हर कोशिश की, मगर कामयाब नहीं हो सके.’ट्विटर पर तेजस्वी ने लिखा है “हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी.” अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है “इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्ज़ी के मुताबिक़ उनके आबाई वतन सीवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की,परिजनों के सम्पर्क में रहें लेकिन सरकार ने इजाज़त नहीं दी.”तेजस्वी ने यह भी लिखा- “शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख़ बनाए रखा. पोस्टमॉर्टम के बाद प्रशासन उन्हें कहीं और दफ़नाना चाह रहा था, लेकिन अंत में कमिश्नर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक ITO क़ब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गई. ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दे.” शनिवार को शहाबुद्दीन की मौत दिल्ली के एक अस्पताल में हो गयी थी. तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन को कोरोना हो गया था. उसके बाद उन्हें दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गयी. उनकी मौत को लेकर एक -एक कर सैकड़ों सवाल खड़े हुए. शहाबुद्दीन के परिजनों ने कहा कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. ऐसे में ये साबित हो गया कि कोरोना से मौत नहीं हुई. रिपोर्ट आने के बाद रविवार को शव को दफनाने से रोक दिया गया था.