विकास कुमार सिंह की रिपोर्ट /स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण की प्रगति, टीकाकरण के कार्य में लगे प्रशासकों की आसानी के लिए कोविन सॉफ्टवेयर में बदलाव और साथ ही कोविड की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए बनाए गई मानक प्रचलन प्रक्रियाओं के प्रभावी क्रियान्वयन (विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे का अभाव है) पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने की.राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो जनसंख्या के कमज़ोर तबकों को कवरेज देने में पिछड़ रहे हैं. हेल्थकेयर वर्कर्स (एचसीडब्ल्यू) और फ्रंटलाइन वर्कर्स (एफएलडब्ल्यू) को पहली और दूसरी खुराक दिए जाने के राज्यवार कवरेज की समीक्षा की गई. इस श्रेणी में टीकाकरण की गति को काफी तेज़ करने की गुंजाइश पर ज़ोर दिया गया.जबकि राज्यों से बार-बार आग्रह किया गया है कि वे वैक्सीन की बर्बादी को 1% से नीचे रखें, झारखंड (37.3%), छत्तीसगढ़ (30.2%), तमिलनाडु (15.5%), जम्मू-कश्मीर (10.8%), मध्य प्रदेश (10.7%) वैक्सीन की बर्बादी के राष्ट्रीय औसत (6.3%) से बहुत अधिक वैक्सीन बर्बाद कर रहे हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से टीकाकरण अभियान की गति बढ़ाने के लिए कोविन की अनुकूलता का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया.राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे जून, 2021 के अंत तक उपलब्ध स्टॉक और संभावित आपूर्ति के ज़रिए टीकाकरण के कवरेज को बढ़ाएं. भारत सरकार द्वारा नि:शुल्क आपूर्ति के लिए 15 जून 2021 तक और राज्यों द्वारा सीधे खरीदे गए वैक्सीन डोज के लिए 30 जून तक प्रत्येक खेप की प्रत्याशित आपूर्ति की दृश्यता सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई है. उन्हें सलाह दी गई थी कि वे ‘भारत सरकार के अलावा अन्य माध्यमों से’ वैक्सीन की आपूर्ति के लिए वैक्सीन निर्माताओं के साथ नियमित रूप से समन्वय करने के लिए 2/3 सदस्यीय समर्पित टीम का गठन करें जिसमें निजी अस्पताल भी शामिल है.’निजी क्षेत्र के अस्पतालों को भी किया जाएगा शामिलराज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिनांक 15 जून 2021 तक कोविड-19 वैक्सीन के प्रशासन के लिए ज़िलेवार, कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी)- वार योजना तैयार करने की सलाह दी गई थी. टीकाकरण प्राप्त नहीं करने वाले स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं एवं अग्रणी कार्यकर्ताओं के बीच स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण हेतु प्राथमिकता दी जानी है.राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे कोविड-19 टीकाकरण में निजी क्षेत्र के अस्पतालों को शामिल करने के लिए सक्रिय प्रयास करें और टीकाकरण की गति की निगरानी सुनिश्चित करें तथा भारत सरकार द्वारा साझा किए गए कोविड-19 टीकाकरण की मानक प्रचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करें.कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि न्यूनतम आयु अब 18 से 44 वर्ष तक किसी भी आयु के लिए निर्धारित की जा सकती है. राज्यों को यह भी सूचित किया गया कि स्पूतनिक को अब कोविन पोर्टल में जोड़ा गया है.कोविन पर एक और सुविधा जोड़ी गई है कि 18-44 और 45+ वर्षों के लिए अलग सत्रों का प्रावधान होगा. सत्र अब रद्द करने के बजाय पुनर्निर्धारित किया जा सकता है.निजी अस्पतालों को ऑफलाइन वैक्सीन पंजीकरण की अनुमति नहीं देने की सलाह दी गई; सभी पंजीकरण ऑनलाइन होने चाहिए. यह भी स्पष्ट किया गया कि जिन संगठनों एवं कॉर्पोरेट संस्थाओं के पास अस्पताल नहीं है, उन्हें निजी अस्पताल के साथ गठजोड़ करना आवश्यक है. देश में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों का भी टीकाकरण शुरू हो गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश में अब तक 20 करोड़ वैक्सीन की खुराकें दी जा चुकी हैं.