धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट / भारत के महान फर्राटा धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद निधन हो गया. परिवार के प्रवक्ता ने शुक्रवार रात इसकी जानकारी दी. 91 वर्षीय सिंह की शुक्रवार शाम को कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई जटिलताओं के कारण हालत गंभीर हो गयी थी जिसमें उनका आक्सीजन स्तर कम हो गया था और उन्हें तेज बुखार आ रहा था. रविवार को ही उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था.उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया ,‘‘उन्होंने रात 11 . 30 पर आखिरी सांस ली.’’ उनकी हालत शाम से ही खराब थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी. वह यहां पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे . उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी.पद्मश्री मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि- “मिल्खा सिंह जी के निधन से, हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा किया था और अनगिनत भारतीयों के दिलों में उनका एक विशेष स्थान था. उन्होंने अपने प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया. उनके निधन से आहत हूं.कुछ दिन पहले ही मेरी मिल्खा सिंह जी से बात हुई थी. मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी. कई नवोदित एथलीट उनकी जीवन यात्रा से ताकत हासिल करेंगे. उनके परिवार और दुनिया भर में कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.गृह मंत्री ने भी दी श्रद्धांजलिवहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि- “भारत महान धावक श्री मिल्खा सिंह जी, द फ्लाइंग सिख के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है. उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है. राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा. उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था.