सौरभ निगम की रिपोर्ट /बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने कहा,’मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे. ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करने के लिए 23 जुलाई से अयोध्या से एक अभियान शुरू किया जा रहा है. बता दें कि बसपा प्रमुख 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही हैं. मायावती ने कहा कि किसानों की मांगों के संबंध में संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव बनाना जरूरी है. केंद्र सरकार की गलत आर्थिक और अन्य नीतियों की वजह से देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच महंगाई के आसमान छूने से लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. वहीं, हाल ही में उन्होंने साफ-साफ कहा था कि योगी सरकार में भी समाजवादी सरकार की तरह ही ‘जंगलराज’ चल रहा है. यूपी की परेशान जनता को अच्छे दिन के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार है. इसके साथ उन्होंने दावा किया था कि बसपा ही यूपी का विकास कर सकती है. बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन का आगाज 23 जुलाई को अयोध्या से होगा. जबकि पहले चरण के तहत 23 जुलाई से लेकर 29 जुलाई तक अयोध्या और आसपास के छह जिलों में लगातार ब्राह्मण सम्मेलन किए जाएंगे. इसकी जिम्मेदारी सतीश मिश्रा को दी गई है. फिर से सत्ता में वापसी के लिए लखनऊ में शुक्रवार को पूरे प्रदेश से आए 200 से ज्यादा ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ताओं के साथ आगे की रणनीति पर मंथन करने के बाद तय किया गया कि बीएसपी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है. वह एक बार फिर दलित, ब्राह्मण और ओबीसी के फॉर्मूले के साथ 2022 चुनाव में उतरेगी. बता दें कि साल 2007 में मायावती ने बड़ी संख्या में ब्राह्मणों को चुनावी मैदान में टिकट देकर उतारा था. बसपा की यह रणनीति सफल भी रही थी और पूर्ण बहुमत के साथ यूपी में सरकार बनाई थी. जबकि 2012 और 2017 में उन्होंने अलग सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला अपनाया था, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2007 में यूपी विधानसभा चुनाव में 30 फीसदी वोट के साथ 403 में से 206 सीटों के साथ सत्ता हासिल करके देश की राजनीति में तहलका मचा दिया था. इस दौरान दलित, ब्राह्मणों और ओबीसी फॉर्मूले के तहत न सिर्फ टिकट का बंटवारा किया गया था बल्कि करीब एक साल पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी.