कंसल्टिंग एडिटर, सीमा राजहंस/ हाल के दिनों में जिस प्रकार से कोरोना के दैनिक मामलों में कमी देखी गई है, उसके बाद माना जा रहा है कि भारत में तीसरी लहर की संभावना नहीं के बराबर है। इसी संदर्भ में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शायद अब देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका बहुत कम है कि देश में पहली और दूसरी की तरह कोरोना की तीसरी लहर आएगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से केसों में गिरावट देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि वैक्सीन से लोगों की रक्षा हो रही है और फिलहाल कोरोना की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है।आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव की पुस्तक ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन- द इनसाइड स्टोरी’ की लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने यह बात कही। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से वैक्सीन के प्रभाव के चलते संक्रमण की रफ्तार थमी और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है, उससे हर दिन तीसरी लहर आने का डर खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता भी है तो शायद यह पहली और दूसरी लहर की तरह खतरनाक न हो। उन्होंने कहा कि गुजरते समय के साथ यह महामारी बीमारी के तौर पर तब्दील हो जाएगी। लेकिन इसकी घातकता कम हो जाएगी। बूस्टर डोज के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल जिस तरह से केसों में कमी जारी है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि देश में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज या फिर तीसरी डोज की जरूरत है।बीते 24 घंटे में एक तरफ कुल 9,283 नए केस मिले हैं तो वहीं 10,949 लोग रिकवर हुए हैं। इससे एक्टिव केसों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिली है और अब यह आंकड़ा महज 1,11,481 ही रह गया है। यह आंकड़ा बीते 537 दिनों यानी करीब डेढ़ साल में सबसे कम है। यही नहीं रिकवरी रेट भी बढ़ते हुए 98.33 फीसदी पर पहुंच गया है, जो बीते साल मार्च के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इस बीच कोरोना टीकों में भी तेजी देखने को मिल रही है। अब तक देश में 1118 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लग चुके हैं और जल्दी ही यह आंकड़ा 120 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है।