सोमा राजहंस की रिपोर्ट- दिल्ली/ शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी ‘कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021’ को बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी गयी, हालांकि इस विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया जिस कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तो कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि विधि निरसन विधेयक पर चर्चा की मांग पर जोर दिया। शोर-शराब के चलते दो बार के स्थगन के बाद सदन को अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। सुबह करीब 11 बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही पहली बार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई। दोपहर बारह बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाये ।इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया ।इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी । हालांकि इसकी मंजूरी नहीं देते हुए अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है।कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित कराने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी ।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है।’’इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी । इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी ।उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी। कई किसान संगठनों के करीब एक साल के आंदोलन के बाद सरकार ने इन कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया।दो बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दो बजे फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘आज सत्र का पहला दिन है। आप लोगों से बड़ी अपेक्षाएं हैं…कृपया सदन चलने दीजिए।’’हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।