सीनियर एडिटर -जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 02 अक्टूबर ::महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर पटना के नागेश्वर कॉलोनी स्थित रॉयल गार्डन अपार्टमेंट में रविवार को उनकी जयंती मनाई गई। उक्त जानकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने दी।उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नही है। कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है, क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है। उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में है, न कि लक्ष्य तक पहुँचने में।ग्लोबल अध्यक्ष ने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि भारत की क्रांति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। उनका पूरा जीवन सादगी और अनुशासन के साथ बिता था। इन्हें लोग, देश प्रेम और त्याग के रूप में याद करते हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी देश को अनेको प्रेरक अनमोल विचार दिये हैं जिनसे हम लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। शास्त्री जी ने कहा था कि हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो जरूरी काम है इसमें लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है, अगर हम समस्या को गंभीरता से और दृढ़ संकल्प के साथ नहीं निभाते हैं तो हम अपने कर्तव्य में असफल होंगे।उक्त अवसर पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा कि 02 अक्टूबर का दिन देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन भारत देश के दो गौरवशाली महान रत्न का जन्म हुआ। वह रत्न है भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत माता के लाल, लाल बहादुर शास्त्री।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की यह जयंती 153वीं और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 118वीं है। महापुरुषों के विचार सदैव हमें सत्य की ओर ले जाने वाला होता है, बापू ने कहा था कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी। उसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा के माध्यम से नहीं आ सकता है।बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को ‘‘जय जवान जय किसान’’ का नारा देकर लोगों को एक रहने और देशभक्त बनने का सुझाव दिया था। उनके कार्यशैली देश और समाज के प्रति समर्पित था। उन्होंने अपनी सादगी जीवन में रहकर देश की सेवा और समाज की सेवा कैसे किया जा सकता है, उसका मार्ग प्रशस्त किया था। हम लोगों को उनके द्वारा दर्शाये मार्गदर्शन पर अमल करने की आवश्यकता है।प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ नंदा कुमारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महापुरुषों के सुविचार सदैव हमें सत्य की ओर ले जाने वाले होते हैं और अज्ञान से ज्ञान एवं अंधकार से प्रकाश की और ले जाते हैं।वरिष्ठ उपाध्यक्ष निलेश रंजन ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के अनमोल विचार आज भी हम सभी लोगों को एक नया मार्ग दिखाता है और हमारी आंखें खोलती हैं। वहीं लाल बहादुर शास्त्री जी ने आजादी के बाद कई महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ काम किए थे। इसलिए उनकी पहचान सादगी, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ का रहा था और इसके कायल आज भी लोग हैं। इन्होंने धर्मनिरपेक्षता के विचार को बढ़ावा दिया था।जिला अध्यक्ष (युवा) पीयूष श्रीवास्तव ने कहा कि बापू ने कहा था कि हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा। वहीं लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में समर्पण, उत्साह, और संकल्प के साथ काम करना चाहिए जिस प्रकार रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है। यह सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना होगा।उक्त अवसर पर पुष्प अर्पित करने वालों में, युवा प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक शंकर, पटना जिला सचिव सौरव श्रीवास्तव, आदित्य सिन्हा, रौशन कुमार, पटना जिला महासचिव धनंजय प्रसाद, राष्ट्रीय सचिव सह प्रभारी युवा बिहार राजेश सिन्हा संजू, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कला संस्कृति अनिल कुमार दास, राष्ट्रीय अध्यक्ष कला संस्कृति प्रेम कुमार, पटना जिला उपाध्यक्ष पुष्पमाला कुमारी, केन्द्रीय कार्यालय सचिव प्रसून श्रीवास्तव एवं अनिरुद्ध सिन्हा शामिल थे।