अजित सिंह -झारखण्ड ब्यूरो की रिपोर्ट /मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कोविड-19 के नए वेरिएंट BF7 के बढ़ते प्रसार की आशंका के मद्देनजर राज्य में कोरोना वायरस से बचाव, रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की। कोविड-19 के नए वेरिएंट से निपटने के लिए अस्पताल, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेडस्, दवाइयों और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता के पुख्ता इंतजाम के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कई देशों में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आने वाले दिनों में हो सकता है कि कोविड केसों के मामलों में बढ़ोतरी हो, ऐसे में चिकित्सा व्यवस्था संबंधी सभी चीजों को अलर्ट मोड में रखें। स्थिति पर राज्य सरकार की पैनी नजर बनी रहे यह सुनिश्चित करें। कोविड-19 के नए मामलों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति हमें गंभीरता पूर्वक तैयार रहने की आवश्यकता है। तैयारी इस तरह रखें कि आपातकालीन स्थिति में अफरा-तफरी का माहौल न बने। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में अथक प्रयास एवं कोविड-19 के रोकथाम के उपाय युद्ध स्तर पर किए गए हैं। बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में अब तक कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या-442568 है जिसमें 437236 मरीज रोगमुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं, रिकवरी रेट 98.80% तथा राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.80% है। 5331 व्यक्ति की मृत्यु कोविड-19 से हुई है, मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। आज की तिथि में राज्य में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के एक्टिव पॉजिटिव केस की संख्या मात्र 01 है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा पत्रांक सं0 206 (HSN) दिनांक-21.12. 2022 तथा संo 208 (HSN) 24.12.2022 के माध्यम से समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के नये वेरियेंट के जिनोम स्किवेंसींग हेतु सभी पॉजिटिव RT-PCR सैम्पल को रिम्स, राँची भेजने का निदेश दिया गया है।इसके अतिरिक्त पाँच रणनितियाँ यथा टेस्ट, ट्रेकिंग, ट्रीटमेन्ट, टीकाकरण एवं कोविड समुचित व्यवहार का अक्षरशः अनुपालन का निदेश दिया गया है। इस संबंध में दिनांक 25.12.2022 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों के सभी सिविल सर्जन तथा अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को VC के माध्यम से बैठक करते हुए आवश्यक निदेश दिए गये है। राज्य में कोविड-19 की RT-PCR तथा RAT kits के माध्यम से सरकारी तथा निजी प्रयोगशाला में जाँच की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।राज्य में 297 True Nat मशीन सभी जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। जाँच हेतु पर्याप्त संख्या में जिलों में रैपिड एंटीजन किट तथा भी०टी०एम० किट्स उपलब्ध है। कुल 10,68,877 लाख रैपिड एंटीजन किट तथा 3,59,933 भी०टी०एम० किट्स उपलब्ध है । राज्य में पहले से 8 आर०टी०पी०सी०आर० लैब कियाशील है ( रिम्स, एम०जी०एम०, पी०एम०सी०एच०, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज दुमका, मेदनीनगर मेडिकल कॉलेज पलामू, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, ईटकी, जिला वायरॉलोजी लैब साहेबगंज)ECRP-II अन्तर्गत 12 जिलों (गढ़वा, लातेहार, कोडरमा, गिरिडीह, खूँटी, सिमडेगा, लोहरदगा, चतरा, पाकुड़, जामताड़ा, रामगढ़ तथा सरायकेला-खरसावा) में RT-PCR लैब की अधिष्ठापित की गयी है, जिसे ICMR प्रमाणीकरण के उपरांत क्रियाशील कर ली जाएगी। राज्य सरकार द्वारा प्रेझा फाउण्डेशन के माध्यम से अन्य 7 जिलों (राँची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो, देवघर गुमला एवं गोड्डा) में भी RT-PCR लैब की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया है। ICMR प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जाएगी।इस प्रकार कुल 8 कियाशील है तथा 19 ICMR प्रमाणीकरण के उपरान्त क्रियाशील कर ली जाएगी।ओमीक्रोन के नये सब लिनेंज (Sub Lineage) वेरियेंट BF-7 की पुष्टि देश के कुछ राज्यों में की गयी है। राज्य में कोविड- 19 के नये किस्म के वायरस के पहचान हेतु रिम्स, राँची में जिनोम सिक्वेसिंग मशीन अधिष्ठापन माह जुलाई 2022 में की गयी, तदुपरांत डिपार्टमेंट ऑफ जिनेटिक्स एवं जिनोमिक्स (Department of Genetics & Genomics), रिम्स राँची में अगस्त माह में सरकारी तथा निजी कोविड-19 प्रयोगशाला से प्राप्त Stored RT-PCR नमूनों का जिनोम सिक्वेंसिंग (Genome Squencing) का कार्य किया गया है। रिम्स राँची अंतर्गत इस मशीन में 384 नमूनों की Sequencing (अनुक्रमित रूप से लगाने की क्षमता है। एक बार में कम-से-कम 96 नमूनों (12×8) का वेल स्किवेंसर मशीन (Well Squencer Machine) में संधारित रहता है। 96 नमूनों को Sequence करने के लिए एक Chip की लागत लगभग 6.00 लाख रुपये होती है। स्केिवेंशींग करने के कुल चार चरण के अन्तर्गत जिनोम के Library preparation ( जिनोम का संग्रहण), Extraction (आर0एन0एम0 एक्सट्रक्सन), Sequencing (अनुक्रमण में लगाना) तथा डाटा को विश्लेषण करने, ( Meta data analysis) में कुल नये वेरियेंट की पहचान हेतु 6 से 7 दिन का समय लगता है। स्किवेंशींग हेतु हेतु मशीन 48 घंटा तक रन की जाती है। अभी वर्तमान में स्किवेंशींग हेतु किट्स उपलब्ध है।रिम्स रांची एवं फूलों झानो चिकित्सा महाविद्यालय दुमका में कोबास (6800) लैब स्थापित की जा चुकी है।राज्य में कोविड- 19 मरीज के इलाज हेतु सरकारी संस्थानों में कुल 19,535 बेड उपलब्ध है जिनकी विवरणी निम्नवत् है:-वर्तमान के स्थिति में सक्रिय मामलों की संख्या 01 है। संक्रमित मरीज RIMS के COVID वार्ड में भर्ती हैं, उनके लक्षण सामान्य है।राज्य में कुल 122 पी०एस०ए० प्लांट अधिष्ठापित किए गये है।पी०एम० केयर के अन्तर्गत 38 पी०एस०ए० प्लांट स्थापित किये गये। स्टेट रिसोर्स से 39 पी०एस०ए० प्लांट स्थापित किए गए। रेलवे से 4 पी०एस०ए० प्लांट स्थापित किए गए। (d) कोल मिनिस्ट्री से 10 पी0एस0ए0 प्लांट स्थापित किए गए।निजी स्त्रोतों से 31 पी०एस०ए० प्लांट अधिष्ठापित किये गये है। राज्य में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है एवं राज्य के सरकारी (पाँच) तथा निजी अस्पताल (छः) में कुल 11 लिक्वीड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) क्रियाशील किये गये हैं।ECRP-II अन्तर्गत राज्य के 27 चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों (मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल) में LMO टैंक 10 KL विथ मजीपीएस की अधिष्ठापना हेतु निविदा निस्तारण क्रयादेश कॉरपोरेशन के द्वारा निर्गत किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने तैयारियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने सुझाव विभागीय पदाधिकारियों को दिए।बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अमिताभ कौशल, रिम्स, निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.