पटना: देश पर बढ़ते हुए कर्ज का जिक्र करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि कर्ज लेकर घी पीने में मौजूदा केंद्र सरकार ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हालात ऐसे हैं कि वर्तमान प्रधानमन्त्री मोदी आज देश के इतिहास में सबसे अधिक कर्ज लेने वाले पीएम बन चुके हैं. उनकी कृपा से आज देश में जन्म लेने वाला बच्चा भी 1 करोड़ रु से अधिक के कर्ज में दबा हुआ है. जदयू महासचिव ने लिखा है कि अपनी गलत आर्थिक नीतियों से केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को किस तरह तहस-नहस कर दिया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद से देश के 14 प्रधानमंत्रियों ने कुल मिलाकर मात्र 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ा लिया था. लेकिन मोदी सरकार ने सिर्फ पिछले 10 सालों में इसे लगभग 4 गुणा बढ़ाते हुए 205 लाख करोड़ कर्ज से अधिक कर दिया है. यानी मोदी सरकार में देश के कर्ज में 150 लाख करोड़ रु से अधिक की बढ़ोतरी हो गयी है. उन्होंने लिखा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की इस भयावह स्थिति के बारे में आईएमएफ ने भी भारत को आगाह किया है. उनकी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि यदि ऐसी ही परिस्थितियां रहीं तो भारत का सरकारी ऋण मध्यम अवधि में जीडीपी के 100 फीसदी से भी ऊपर जा सकता है. इससे साफ़ है कि देश को 4 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का केंद्र सरकार का दावा सिर्फ एक छलावा है. सरकार की इन गलतियों का खामियाजा आने वाले समय में आम आदमी को भुगतना पड़ेगा. सामान्य आदमी भी समझ सकता है कि हैसियत से अधिक कर्ज विनाश की तरफ ले जाता है. लेकिन सरकार अभी भी चेतने को तैयार नहीं है.