कथासार
चंदा एक छोटी बच्ची है, जो क्रिकेट खेलती है। उसके माता पिता उसे पढने के लिए स्कूल नहीं भेजते और घर के काम करवाते है। चंदा क्रिकेट खेलना चाहती है और देश का नाम र्रोशन करना चाहती है, पर उसके माता-पिता जल्दी से जल्दी उसकी शादी करवाना चाहते है। मुनिया माँ बाप से लुक- छिपकर क्रिकेट खेलती है और स्कूल की प्रतियोगिता में भाग लेना चाहती है, लेकिन उसके लिए उसका स्कूल में दाखिल होना आवश्यक है, लेकिन इधर उसके अभिभावक पंडित जी के माध्यम से एक लड़का खोज कर शादी की तैयारी करते हैं। चंदा के बार-बार मना करने के बाद भी उसके माता-पिता नहीं मानते और बच्ची को शादी के मंडप पर बिठा देते हैं। रिश्तेदार और गांव के लोग शादी में शामिल होने के लिए उपस्थित रहते हैं और शादी शुरू हो जाती है।
इसी बीच स्कूल के प्रिंसिपल आते है और उन्हें समझाता है कि यह बाल विवाह अपराध है और आप सभी को सजा हो सकती है। इसके अलावा वो सरकार की उस योजना के बारे में भी बतलाता है, जिसके तहत बच्चों के सर्वांगींण विकास के लिए काम किया जा रहा है, ताकि बच्चे अपनी रूचि के अनुसार खेल- कूद, चित्रकला एवं हस्तकला आदि में दक्ष हो सके और इसी क्षेत्र में आगे बढ़ सके। व्यक्ति के समझाने के बाद लड़की के माता-पिता एवं गांव के लोगों को समझ में आता है, और शादी को रोका जाता हैं। स्कूल के प्रिंसिपल चंदा का नाम स्कूल में लिखवाते है, और उसे स्कूल के क्रिकेट टीम में शामिल करते हैं।
नाटक “खेल” का पात्र परिचय निम्नलिखित है:-
मंच पर
पिता : रजनीश पांडे
बेटी : हेमा
पंडित : रोहित कुमार
माता : दीपा दीक्षित
मौसी : ममता सिंह
दूल्हा : अरबिंद कुमार
फूफा : राम प्रवेश
जीजा : गौरव कुमार
दोस्त 1 : अरबिंद कुमार
दोस्त 2 : अजीत कुमार
दोस्त 3 : अभिषेक राज
सहेली : नीलम कुमारी
प्रिंसिपल : मनीष महिवाल
मंच परे
प्रकाश : राज कुमार
गायन : ममता सिंह
संगीत : अभिषेक राज
नाल : राम अयोध्या
इफेक्ट : नीरज शुक्ला
रूप सज्जा : सोनल कुमारी
वस्त्र विन्यास : रितिका महिवाल
प्रस्तुति नियंत्रक : रजनीश पांडे
लेखक / निर्देशक : मनीष महिवाल
प्रस्तुति: लोक पंच, पटना