कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय ने राहत तो ज़रूर से दे दी है लेकिन जेल का साथ अभी भी बना रहेगा। दरअसल, 24 अक्तूबर तक ईडी की हिरासत में पी चिंदबरम को रहना है इसलिए वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने साफ कहा, ‘पी. चिदंबरम को रिहा किया जा सकता है… उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी जा सकती हैं। उन्हें पूछताछ के लिए पेश होना पड़ेगा।’ साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी. चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। यही नहीं, अदालत ने चिदंबरम से यह भी कहा कि वो इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए पी. चिदंबरम को बुलाएगी, उन्हें अवश्य पेश होना होगा।
हालांकि इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद से राहत के लिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत से कहा था कि चिदंबरम को इस मामले में तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस मामला का ट्रायल शुरू नहीं हो जाता और अहम गवाहों के बयान नहीं दर्ज कर लिए जाते।
दूसरी ओर, चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि चिदंबरम देश छोड़कर नहीं भागेंगे। और फिर इसी के साथ उच्चतम न्यायालय में सोमवार को इस मामले में बहस पूरी हो गई थी।
प्रिया सिन्हा