लखनऊ-कौशलेन्द्र पाण्डेय,
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध के नाम पर यूपी में हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। हिंसा की साजिश में शामिल होने के आरोपी कट्टरपंथी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर सरकार ने प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है। खुद उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार के इस फैसले की पुष्टि की है। डेप्युटी सीएम ने कहा है कि पीएफआई का हाथ हिंसा की तमाम घटनाओं में सामने आया है और इस संगठन में सिमी के लोग ही शामिल हैं। ऐसे में अगर सिमी भी रूप में उभरने का प्रयास करेगा तो उसे कुचल दिया जाएगा।
यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ राज्यभर में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसक वारदातों को अंजाम देने में इस संगठन की संलिप्तता का पता चला है। खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में पीएफआई की भी बड़ी भूमिका थी। मंगलवार को योगी सरकार की बैठक के बीच ही प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया लगाने जा रही है।