अब्दुलापुर बाजार (मेरठ, उत्तर प्रदेश) की एक शिव मंदिर कमिटी के उपाध्यक्ष तथा पुजारी के रूप में कार्यरत साधु कांती प्रसादजी की धर्मांध मुसलमान युवकों ने दिनदहाडे हत्या की । हिन्दू जनजागृति समिति इस हत्या का तीव्र शब्दों में निषेध करती है । साधु कांती प्रसादजी ने भगवा वस्त्र परिधान किया था, इसलिए अनस कुरैशी नामक धर्मांध ने उनका उपहास कर विरोध किया । इस धर्मांध ने निर्ममता से मार-पीटकर साधु की हत्या कर डाली । इससे ध्यान में आता है कि हिन्दुबहुल भारत में भगवा वस्त्र परिधान करनेवालों को जानबूझकर लक्ष्य किया जा रहा है । हम इसे साधु पर नहीं; अपितु भगवे एवं हिन्दू धर्म पर आक्रमण मानते हैं । इससे धर्मांधों का हिन्दूद्वेष और भगवाद्वेष ही दिखाई देता है । अनस कुरैशी की गिरफ्तारी हुई है, परंतु उस पर द्रुतगति (फास्ट ट्रॅक) न्यायालय में तुरंत अभियोग चलाकर उसे कठोर दंड दिया जाए तथा इस घटना के पीछे जानबूझकर धार्मिक कलह निर्माण करने का षडयंत्र तो नहीं है न, इसकी भी जांच हो, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेजी ने की है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तरप्रदेश एवं बिहार समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी ने भी इस घटना का निषेध करते हुए कहा कि इससे पहले पालघर, बुलंदशहर, नांदेड और अब मेरठ – इस प्रकार से साधुओं का हत्यासत्र जारी है । इन घटनाओं के कारण हिन्दू समाज में क्रोध एवं आक्रोश है । ऐसी घटना यदि मुसलमान अथवा अन्य समाज से संबंधित व्यक्ति के साथ घटी होती, तो अब तक धर्मनिरपेक्षतावादियों ने ‘मॉब लिंचिंग’ कहते हुए पूरा देश सिर पर उठा लिया होता और हिन्दुत्व को बदनाम किया जाता । परंतु अभी मृत व्यक्ति हिन्दू साधु है तथा मारनेवाला मुसलमान, इसीलिए एक भी आधुनिकतावादी नेता ने अब तक इस घटना का निषेध नहीं किया है । यह भारतीय धर्मनिरपेक्षता की हार है । उत्तरप्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी साधुओं की हत्याओं के षड्यंत्रकारियों को ढूंढकर हिन्दुओं को न्याय दिलाएंगे, ऐसी हमें आशा है, श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी ने ऐसा भी कहा ।