लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रहे राम विलास पासवान इस दुनिया को अलविदा कह गए और 10 अक्टूबर, 2020 को पटना में उनका अंत्येष्टि होगी।
9 अक्टूबर, 2020 को लोजपा कार्यालय पर पासवान के अंतिम दर्शन के लिए समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। वहीं, 10 अक्टूबर, 2020 को दीघा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि, अंतिम संस्कार में केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद थे और उन्होंने कहा कि यह समय पासवान के जाने का नहीं था।
दूसरी ओर, बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने रामविलास पासवान को ‘भारत रत्न’ देने तक की मांग कर दी है।
बता दें कि रामविलास पासवान की अंतिम यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और उनके पटना स्थित आवास पर लगातार समर्थकों का जमावड़ा सा लग हुआ है। कुछ समर्थकों ने संसद में उनकी आदम कद की प्रतिमा लगाए जाने की मांग की है।
रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने बहुत से लोग पहुंचे थे और करीब 2 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
यही नहीं, पटना में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि – ‘रामविलास जी बिहार ही नहीं, देश के नेता थे, वह एक जन नेता थे। मैं अटल जी की सरकार में उनके साथ कोयला खान राज्य मंत्री था, मैं उनकी क्षमता जानता हूं। वो उपेक्षितों की एक बहुत बड़ी आवाज बने। ये उनके जाने का समय नहीं था।’
प्रिया की रिपोर्ट.