कोरोना संकट के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल को आगंतुकों या दर्शन करने वालों के लिए नो-एंट्री जोन घोषित कर दिया है। न्यायायल के इस आदेश को लेकर कोलकाता के शीर्ष 400 दुर्गा पूजा आयोजकों ने मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपने आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि दुर्गा पूजा पंडाल दर्शनार्थियों के लिए नो एंट्री जोन होंगे। पंडाल के अंदर सिर्फ आयोजकों को रहने की इजाजत होगी। अदालत के फैसले पर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पूजा पंडाल को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किए जाने के फैसले से कई लोग निराश होंगे, जबकि राज्य में विपक्षी दलों ने फैसले का स्वागत किया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि लोग दुर्गा पूजा मनाने के लिए सालभर इंतजार करते है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गा पूजा को संभव बनाने वाले कई आयोजक इस आदेश से निराश होंगे.” इस बीच, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अदालत के फैसले को सही बताते हुए उसका स्वागत किया।
निखिल दुबे.