दिल्ली. शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सामने आर्थिक सर्वे पेश किया. बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में मोदी सरकार के कामकाज की तारीफ की. बजट से पहले पेश होने वाला इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण कई मायने में खास है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा था. सर्वे में अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां व आंकड़े हैं, जिन पर कई लोगों की निगाहें हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें.1. आर्थिक सर्वेक्षण का कवर पेज- आर्थिक सर्वेक्षण का कवर पेज भी बेहद खास है. इसमें चार लोगों के बीच देश का नक्शा बना हुआ है. कवर पेज पर दो तराजू भी दिखाए गए हैं. एक तराजू को रिस्क यानी कि आपदा के रूप में दिखाया गया है तो दूसरी तराजू को अपॉरचुनिटी यानी कि अवसर के रूप में दिखाया गया है. इस तराजू में अवसर का का पलड़ा भारी है. इससे सरकार ने संकेत दिया है कि आपदा में भी अवसर को भलीभांति भुनाया गया है. कवर पेज पर दिखाया गया है कि आपदा में पड़ी अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और जिंदगी को रिफॉर्म्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, आत्मनिर्भर भारत और वैक्सीन ने पूरी तरह से उबार लिया है.2. 2021 में आर्थिक ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी से सिकुड़ने का अनुमान- आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021 में आर्थिक ग्रोथ रेट के 7.8 फीसदी से सिकुड़ने का अनुमान है. अर्थव्यवस्था में वी शेप्ड रिकवरी का अनुमान है. इसमें अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से लुढ़कती है, उतनी ही तेजी से उबरती है. सरकार के प्रोत्साहन और नीतियों से मांग तेजी से बढ़ती है. इनकम और आउटपुट बढ़ता है, मांग बढ़ती और लोग ज्यादा खर्च करते हैं. कंपनियां अपनी क्षमता का विस्तार करती हैं और ज्यादा लोगों को नौकरी देती हैं.3. 2022 के लिए आर्थिक ग्रोथ 11 फीसदी का अनुमान- इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2022 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 11 फीसदी पर रखा गया है. वित्त वर्ष 2022 के लिए नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 15.4 फीसदी पर रखा गया है. साथ ही, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है.4. निवेश को मिलेगा बढ़ावा- इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा. ब्याज दर कम होने से बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी. इसमें बताया गया कि कोरोना वैक्सीन से महामारी पर काबू पाना संभव है और आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है.5. सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बनाया जाएगा पारदर्शी- सर्वेक्षण में लिखा गया, ‘भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स फंडामेन्टल्स के बारे में जानकारी नहीं देते हैं. इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को BBB- की रेटिंग मिली हो. भारत की वित्तीय नीति का फंडामेंटल मजबूत है. भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 2.8 स्टैंडर्ड डिविएशन को कवर करने में सक्षम है. यह महत्वपूर्ण है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग मेथोडोलॉजी को पारदर्शी बनाया जाएगा.’6. स्टार्टअप्स के जरिए लोगों को मिला रोजगार- 23 दिसंबर 2020 तक भारत सरकार ने 41,061 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है. देशभर में 39,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के जरिए 4,70,000 लोगों को रोजगार मिला है. 1 दिसंबर 2020 तक SIDBI ने सेबी के पास रजिस्टर्ड 60 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स को 4,326.95 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है. यह स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए जारी किया जाए, जिसमें कुल 10,000 करोड़ रुपये का फंड है.7. भारत दुनिया के टॉप 50 इनोवेटिव देशों की सूची में शामिल- आर्थिक सर्वे में पहली बार अंतरिक्ष (Space) में निजी कंपनियों की वजह से आए सुधार की तस्वीर रखी गई है. सर्वे के मुताबिक केंद्र सरकार ने स्पेस सेक्टर के लिए बहुत से रिफॉर्म किए. खासकर इस सेक्टर में निजी एजेंसियों को एंट्री देने से भारत दुनिया के टॉप 50 इनोवेटिव देशों की सूची में शामिल हो गया है. इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि प्राइवेट कंपनियों को स्पेस सेक्टर में एंट्री देने के फैसले के कारण देश में स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकर एक इको-सिस्सटम तैयार हुआ है.8. अगले दो साल में चलेंगी प्राइवेट ट्रेन- सर्वे में बताया गया है कि देश में प्राइवेट ट्रेनें वर्ष 2023-24 से चलनी शुरू हो जाएंगी. इसके लिए बोली प्रक्रिया इसी साल मई 2021 में पूरी होने की संभावना है. सर्वे में देश की हवाई सेवाओं की जल्द बहाली की उम्मीद भी जताई है. इसके मुताबिक वर्ष 2021 की शुरूआत में हवाई सेवाओं का स्तर कोविड-19 महामारी के पहले के बराबर पहुंच जाएगा.9. अगले 10 साल में 17.35 करोड़ रोजगार का अनुमान- सर्वेक्षण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात आधारित उद्योगों की तस्वीर बताई. सर्वे में नेटवर्क प्रोडक्ट जैसे कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनक, इलेक्ट्रिक उपकरण और टेलीकम्यूनिकेशन उपकरणों के निर्यात से अगले दस साल में देश में 17.35 करोड़ नौकरियां सृजित होने का अनुमान जताया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण में तेजी से निर्यात बढ़ाने के लिए भारत को नेटवर्क उत्पादों (एनपी) का हब बनाने की स्ट्रेटजी बताई है. सर्वे के मुताबिक, एनपी से वर्ष 2020 तक 3.01 करोड़ नौकरियां सृजित हुई और 168 बिलियन डॉलर का जीडीपी उत्पादन हुआ.10. 1.46 लाख करोड़ रुपए की PLI योजना- संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 1.46 लाख करोड़ रुपए की पीएलआई योजना से भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अहम रोल मिलने की उम्मीद है. इससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा होने की आशा है. गौरतलब है कि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में मिली कामयाबी के बाद उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को हाल ही में 10 क्षेत्रों में विस्तार किया गया था.
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट.