कलकत्ता ब्यूरो /स्नेहा सिंह -सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट/ आयरन लेडी ममता बनर्जी को बधाई देने वालों का तांता लगा, सबसे पहले जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने धन्यवाद दिया, उसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने बधाई दी, बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा ये ममतामई जीत है ममता बनर्जी का. शिवसेना नेता संजय रावत ने कहा ममता बनर्जी के ऐतिहासिक जीत है और मोदी की राजनीतिक हार. फारुख अब्दुल्ला ने भी बधाई दी ममता बनर्जी को.पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजा में तृणमूल की डबल सेंचुरी और सत्ता में हैट्रिक के बाद जीत का जश्न लगातार जारी है. एक बार फिर से सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी सत्ता की लगाम थामने को तैयार हैं. पश्चिम बंगाल चुनाव में टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी की जीत के दो एम फैक्टर कारगर बताए जा रहे है. पहला महिला और दूसरा मुस्लिम. माना जा रहा है दोनों ने ममता बनर्जी को हैट्रिक बनाने में मदद की है. इन्हीं दोनों के वोट बैंक की बदौलत ममता बनर्जी ने सत्ता में हैट्रिक लगाई है.पश्चिम बंगाल चुनाव की वोटिंग आठ चरणों में पूरी हुई. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में करीब 7.18 करोड़ मतदाता हैं. इसमें महिलाओं की संख्या 3.15 करोड़ (49 प्रतिशत) है. इस हिसाब से देखें तो पश्चिम बंगाल में महिला और पुरुष मतदाताओं के बीच महज दो फीसदी का अंतर है. माना जा रहा था कि अगर महिलाओं ने एकमुश्त किसी भी पार्टी को समर्थन दिया तो उस पार्टी को पॉलिटिकल माइलेज मिलना तय है. यही कारण है बीजेपी से लेकर टीएमसी और दूसरी पार्टियां महिलाओं को साधने में जुड़ी रही. बंगाल की महिलाओं ने साइलेंट वोटिंग की और कहीं ना कहीं उनका समर्थन ममता बनर्जी के साथ माना जा रहा है.पश्चिम बंगाल चुनाव के रिजल्ट में मुस्लिम वोट बैंक को भी अहम फैक्टर माना जा रहा है. इस बार के चुनावी नतीजों से साफ पता चलता है कि बंगाल में मुस्लिम वोट बैंक की चाबी ममता बनर्जी के हाथ में ही रही. पिछले एक दशक से पश्चिम बंगाल के मुस्लिम मतदाता ममता बनर्जी के साथ हैं. इस बार के चुनाव में लेफ्ट फ्रंट ने कांग्रेस और कट्टरपंथी दल आईएसएफ से दोस्ती गांठी. लेकिन, आईएसएफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के बंगाल की सौ विधानसभा सीटों पर प्रभाव को चुनावी नतीजों ने खारिज कर दिया. असदुद्दीन ओवैसी को भी तगड़ा झटका लगा है.पश्चिम बंगाल के 292 सीटों के चुनावी नतीजों से साफ पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पर मुस्लिम वोटर्स का भरोसा अडिग है. पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 46 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी है. राज्य की करीब 20 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 40 फीसदी है. वहीं, 50 सीट ऐसे हैं, जिन पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 20 से 30 फीसदी मानी जाती है. इस लिहाज से देखें तो बंगाल में कम से कम 130 सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक गहरा प्रभाव रखते हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम वोटर्स ने कहीं ना कहीं टीएमसी और पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी पर भरोसा नहीं खोया और नतीजा सामने है.