धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट / देश में कोरोना की दूसरी लहर ने अभी भी कोहराम मचा रखा है. कोरोना के नए मामले भले ही कम हो रहे हों लेकिन मौत के आंकड़े अभी भी डराने वाले हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर को लेकर भी चेतावनी जारी कर दी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर और भी विकराल हो सकती है. कोविड-19 संक्रमण संबंधी अनुमान जताने के लिए गणितीय मॉडल का इस्तेमाल करने वाले वैज्ञानिक एम विद्यासागर ने कहा कि यदि देश में वैक्सीनेशन अभियान को तेज नहीं किया गया और कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो खतरा बढ़ सकता है और अगले छह से आठ महीने में कोरोना की तीसरी लहर देखने को मिल सकती है.आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि इस समय देश के ज्यादातर लोगों में एंटीबॉडी बन चुकी है. यही कारण है कि अब कोरोना का ग्राफ नीचे जाता दिखाई दे रहा है. ऐसे में समय रहते उन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं दी गई तो लोगों के अंदर एंटीबॉडी समाप्त होने लगेगी और संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ने लगेगा.ऐसे में टीकाकरण अभियान को और तेज करने की जरूरत है. इसके साथ ही आने वाले कुछ महीनों में कोविड-19 को फैलने से रोकने में मददगार नियमों का पालन सख्ती से कराए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया तो छह से आठ महीने में तीसरी लहर आने की पूरी संभावना है. केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने पहले ही चेताया है कि देश में तीसरी लहर आएगी. कई रिपोर्ट में ऐसा भी कहा जा रहा है कि पहली लहर बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हुई थी, दूसरी लहर का असर सबसे ज्यादा युवाओं को हुआ था जबकि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित होगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक देश में तीसरी लहर आएगी लेकिन अभी अनुमान लगाना मुश्किल है कि इसका समय क्या होगा.