उमर फारूक की रिपोर्ट / हनुमान चालीसा मामले में न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की पीठ ने विधायक रवि राणा और सांसद नवनीत राणा के बेल पिटीशन को किया खारिज. अभी दोनों को रहना होगा जेल में.विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस ने23 अप्रैल को पहली प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में इस प्राथमिकी में राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया गया था. खार पुलिस ने24 अप्रैल को एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में राणा दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा353 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. आपको बता दें कि रवि राणा और नवनीत राणा ने दावा किया है कि उन्हें CM उद्धव ठाकरे द्वारा झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है.मुंबई उच्च न्यायालय ने हनुमान चालीसा विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा द्वारा दायर उस रिट याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. दंपती ने आज सुबह उच्च न्यायालय का रूख कर, शहर में खार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था. खार पुलिस ने यह प्राथिमिकी, एक पुलिस अधिकारी को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है.