अजित सिंह झारखण्ड हेड की रिपोर्ट /धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर विधिवत शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं अन्य विशिष्ट अतिथिगण।रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में झारखंड के लोक कलाकार एवं इंडियन आईडल फेम कलाकारों ने समां बांधा। कार्यक्रम में मानभूम छऊ नृत्य, पाइका नृत्य, खड़िया गीत नृत्य, संथाली गीत नृत्य, मुंडारी गीत नृत्य, खोरठा गीत नृत्य, माल पहाड़िया गीत नृत्य, खेरवार गीत नृत्य, उरांव गीत नृत्य, भूमिज फिरकाल गीत नृत्य, पंचपरगनिया गीत नृत्य, नागपुरी गीत, झूमर गीत इत्यादि की प्रस्तुति दी गई।15 नवंबर राज्यवासियों के लिए गौरवशाली दिन.झारखंड के संसाधन से पूरा देश जगमगाता है.पूर्वजों के सपनों को साकार करने की जरूरत.मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड के लिए आज गौरवशाली दिन है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा का आज जयंती दिवस है और आज के ही दिन यहां के आदिवासी तथा मूलवासियों को अलग झारखंड राज्य मिला था। राज्य के कई वीर महापुरुषों ने त्याग, तपस्या और बलिदान दिया। अपना सर्वस्व न्यौछावर किया तब जाकर अलग झारखंड राज्य मिला। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा कोई परिचय के मोहताज नहीं हैं। झारखंड वीरों की धरती रही है। झारखंड की धरती की उपज और संसाधनों से पूरा देश जगमगाता है। बहुत बड़े पैमाने में देश को इस राज्य से आर्थिक संसाधन मिलती है। देश की आर्थिक मजबूती मैं झारखंड की अहम भूमिका है। झारखंड के संसाधनों का लाभ देश के सवा सौ करोड़ लोगों को मिल रहा है। झारखंड कोई परिचय के मोहताज नहीं है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ अवसर पर अपने संबोधन में कहीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अनेकों ऐसे अनछुए पहलू हैं जिसको हम देखते हैं हम सभी लोगों को आश्चर्यचकित होना पड़ता है। चाहे राज्य की सुंदरता हो, या सुदूर क्षेत्र में खिलाड़ियों का भंडार या फिर यहां के सीधे-सरल स्वभाव के लोग। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के लोगों की मानसिकता कभी भी लड़ाई- झगड़ा करने वाला नहीं रहा है। यहां के लोग हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहते हैं। हमारे राज्य के महापुरुष डॉ रामदयाल मुंडा ने कहा है ‘जे नाची से बाची’। झारखंड में चलना ही नृत्य और बोलना ही गीत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बढ़कर राज्यवासियों का अपना स्वाभिमान भी है और हमारी सरकार राज्यवासियों के स्वाभिमान से कभी भी समझौता नहीं होने देगी। राज्य की जनता का मान-सम्मान और गौरव को संरक्षित करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। हमसभी लोग मिलजुल कर इस राज्य को बेहतर दिशा देने में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। आज का दिन कहीं न कहीं हमारे शहीद वीर पुरुषों को याद करने का दिन है। राज्य के महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर खुशहाल राज्य का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप के बीच राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। यहां के ग्रामीण किसानों, नौजवानों एवं आने वाली पीढ़ी के लिए कार्य योजना बनाकर उसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।हेमंत ने कहा हमारी सरकार यहां के लोगों को उनका हक-अधिकार देने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों के सपनों को पूरा करने में हम सभी लोग अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। समग्र विकास की परिकल्पना को पूरा करने के लिए हम सभी को आपसी समन्वय बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है। किसी एक व्यक्ति के बूते समग्र विकास नहीं किया जा सकता है। विकास की गाड़ी को तीव्र गति देकर झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना है।इस अवसर पर श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे सहित अन्य विशिष्ट अतिथिगण, वरीय पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेने पहुंचे लोग उपस्थित थे।