पटना, २ दिसम्बर । “अंग नहीं तो क्या ग़म है, हम किसी से क्या कम हैं! —– “दया नहीं अधिकार चाहिए! हमें थोड़ा सा प्यार चाहिए।” , आदि नारों के साथ आज विकालांग जनों ने नगर में जागरूकता रैली निकाली। यह रैली विश्व विकलांग दिवस की पूर्व संध्या पर, इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च, बेउर तथा बिहार विकलांग अधिकार मंच के तत्त्वावधान में, संजय गांधी जैविक उद्यान से आरंभ हुई और शहीद-स्मारक, हार्डिंग रोड के निकट सभा के रूप में संपन्न हुई। पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद, संस्थान के निदेशक प्रमुख डा अनिल सुलभ, नेत्रहीन परिषद के सचिव डा नवल किशोर शर्मा तथा पूर्व पुलिस उपाधीक्षक मिथिला नन्दन उपाध्याय ने रैली को हरी झंडी दिखाकर विदा किया।सभा की अध्यक्षता करते हुए डा सुलभ ने कहा कि अभी भी बिहार में विकलांग जनों को वैज्ञानिक ढंग से चिन्हित करने का कार्य नहीं हो पा रहा है। जब तक यह नहीं होगा तबतक विकलांगों के पुनर्वास में कोई भी कार्य सही दिशा में नहीं होगा। इसके लिए आवश्यक है कि राज्य सरकार अलग से ‘विकलांगता निवारण और पुनर्वास विभाग’ सृजित करे। जब इसके लिए अलग से मंत्री, प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारी होंगे, तो अवश्य ही इस दिशा में तेज़ी से और गुणात्मक रूपांतरण देखा जा सकेगा।न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि किसी भी लोकप्रिय सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने सभी नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करे। पूरी तरह से विकलांग व्यक्तियों को पचास हज़ार रूपए का पेंशन दिया जाना चाहिए।सुख्यात नेत्रहीन दिव्यांग और बिहार नेत्रहीन परिषद के संस्थापक महासचिव डा नवल किशोर शर्मा ने कहा कि राज्य में विकलांग आयोग का गठन भी शीघ्र किया जाना चाहिए। विकालांग अधिकार मंच के सचिव और संघर्ष-शील दिव्यांग राकेश कुमार ने कहा कि जब तक सभी विकालांग संगठित नहीं होंगे, सरकार उनकी बातें नहीं सुनेगी।रैली में दिव्यांग प्रो सतीश कुमार, इंद्रदेव कुमार, रविरंजन कुमार, लखन कुमार, गनौरी राय, अनिल कुमार राय, शिवा कुमार, विजय कुमार, राधा कुमारी, लक्ष्मी कुमार, सोनू कुमार, चंदन कुमार, सत्यानंद ठाकुर, प्रवीण कुमार, मनोज पंडित, पप्पू कुमार, संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार, मधुमाला कुमारी, चंद्र आभा, डा नवनीत कुमार, प्रो प्रिया कुमारी, रवींद्र प्रजापति समेत बड़ी संख्या में तिपहिया साइकिल पर सवार दिव्यांगजन, मूक-बधिर एवं दृष्टि-दिव्यांग और संस्थान के छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों ने भाग लिया।