पटना, २३ अप्रैल। हज़ारों मुख से एक स्वर में हुए गगन-भेदी जयघोष के साथ, अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक एवं सूक्ष्म आध्यात्मिक साधना पद्धति ‘इस्सयोग’ के प्रवर्त्तक ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार का दो दिवसीय २२वाँ महानिर्वाण महोत्सव, मंगलवार को तीसरे पहर से आरंभ हो गया। कंकड़बाग हाउसिंग कौलोनी स्थित संस्था के मुख्यालय और ‘गुरुधाम’ में अपराह्न दो बजकर बीस मिनट पर संस्था की अध्यक्ष सद्गुरुमाता माँ विजया जी के निर्देश पर संस्था के उपाध्यक्ष पूज्य बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार ने मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। संस्था के सचिव के एस वर्मा तथा संदीप गुप्ता ने सद्ग़ुरु एवं गुरुमाँ की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया। वरिष्ठ इस्सयोगी लक्ष्मी प्रसाद साहू ‘मामाजी’ ने दोनों मूर्तियों पर रेशमी चादर अर्पण किया। इस अवसर पर संस्था की त्रैमासिक पत्रिका ‘इस्सयोग संदेश’ के महानिर्वाण-महोत्सव विशेषांक का लोकार्पण नीना एस गुप्ता द्वारा किया गया।
आधे घंटे की सामूहिक ‘आह्वान साधना’ के पश्चात सवा तीन बजे से २२घंटे की अखंड सामूहिक साधना और संकीर्तन आरंभ हुआ, जिसका समापन बुधवार को पूर्वाहन सवा नौ बजे होगा। पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ, समर्पण के भाव से हज़ारों साधक-साधिकाएँ अपने परम आराध्य ब्रह्मलीन सदगुरुदेव के चरणों में अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।। संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ के अनुसार, आज आरंभ हुए दो दिनों के इस सबसे बड़े उत्सव में संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, संगीता झा, रेणु गुप्ता, शिवम् झा, काव्या सिंह झा, डा द्रासनिका पटेल, सरोज गुटगुटिया, डा जेठानंद सोलंकी, वंदना वर्मा, दीनानाथ शास्त्री, डा मनोज राज, माया साहू, डा रौबिन समुंदर , ममता जमुआर, कपिलेश्वर मंडल, अजीत पटनायक, रवींद्र कुमार, अजय पाण्डेय, डा मनोज धमीजा, नितिन साहू, सुशील प्रजापति, हरि पंडा, सुषमा मूलचंद, आर सी तिवारी, सुरेश बलेचा, डा गीतारानी जेना, संगीता ठाकुर, योगेन्द्र प्रसाद, संतोष कुमार तथा विनोद तकियावाला समेत अमेरिका, इंगलैड, औस्ट्रेलिया, सिंगापुर, थाईलैंड, नेपाल तथा दुबई समेत दुनिया भर से सात हज़ार से अधिक साधकगण भाग ले रहे हैं।
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