कौशलेन्द्र की रिपोर्ट :बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि दूसरे के वैशाखी पर और अपने व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ के लिए विचारों पर टिका नही रह सकता है , उसे लालू प्रसाद पर बोलने से पहले अपने सामने आईना रखकर अपना चेहरा देख लेना चाहिए ।इन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा किसी भी तरह से दल और गठबंधन बदल कर अपनी सोच और विचार को गिरवी रखकर राजनीति करते रहें हैं, ये किसी को बताने की आवश्यकता नही है,और यही इनकी पहचान है।एजाज ने कहा कि श्री लालू प्रसाद जी पर टिप्पणी करने का उन्हे कोई अधिकार नहीं है । वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए न सिर्फ लालू प्रसाद जी का नेतृत्व मे लोकसभा चुनाव लड़ा। जिस तरह की स्थिति में वह खड़े थे उन बातो को भूल गए, उस व्यक्ति को लालू प्रसाद जी पर कहने का कोई अधिकार नहीं है ।जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने व्यक्तिगत राजनीति स्वार्थ और व्यक्तिगत हित में राजनीति की थी तब वह कहां खड़े थे,यह बताने की आवश्यकता नही है। एक अदद सीट के लिए नीतीश जी के साथ जनता दल यू में चले गए और उन्हें विधान पार्षद बनाया गया। जिसने भी उन्हे पहचान दी ,उसके खिलाफ बयान देकर वह दुसरे गठबंधन में गये।और उसी के साथ धोखा यही इनकी पहचान है।एजाज ने आगे कहा कि श्री लालू प्रसाद जी ने सामाजिक न्याय के संकल्पों के साथ-साथ देश और बिहार के लोगों को स्पष्ट संदेश दिया कि देश में संप्रदायिक और उन्माद फैलाने वाली शक्तियों के खिलाफ लालू प्रसाद न पहले झुके है और न आगे झुकेगे। इनके इसी प्रतिबद्धता के कारण जनता ने लालू प्रसाद जी के नेतृत्व पर विश्वास किया और आज जो बिहार में भाजपा को सत्ता से बेदखल किया गया है, उसमें लालू प्रसाद जी और श्री नीतीश कुमार जी के बेहतर समन्वय और सोच का नतीजा है ।लालू प्रसाद जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के विधायकों के साथ महागठबंधन सरकार में मजबूती से जनता और जनता के हितों के लिए जो संकल्प लेकर के महागठबंधन सरकार बनाया , उस दिशा सरकार कार्य कर रही है ।और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी और उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी ने बिहार से जो नफरत के खिलाफ मोहब्बत की राजनीति का संदेश दिया है,उसे देश ने स्वीकार किया है, इसी कारण भाजपा खेमे में बौखलाहट है और भाजपा अपने हितों में कुछ वैसे लोगों को अपने राजनीति की पिच पर इकट्ठा की है, जो सिर्फ लालू फोबिया के सोच के तहत बयान बाजी करते हैं। इनकी ना कोई सोच है और ना कोई आईडियोलॉजी यह सिर्फ और सिर्फ अपने लिए एक अदद सीट की तलाश में हर चुनाव में गठबंधन बदलने का खेल खेलते हैं। जिस कारण इनकी पहचान जनता और जनता के बीच से पहले ही समाप्त हो चुकी है और अब ऐसे लोग लालू प्रसाद जी के खिलाफ बोलकर अपना राजनीतिक वजन बढ़ाना चाहते हैं ,लेकिन उन्हें इस तरह की बोल के कारण नुकसान ही होगा क्योंकि बिहार और देश की जनता का विश्वास लालू प्रसाद जी की प्रतिबद्धता और विचारों पर टिके रहने के कारण और मजबूत हुआ है।