लालगंज तहसील क्षेत्र के मेहनाजपुर में वर्मा मोड़ के पास वर्षों से रह रहे दर्जनों घर धरकार समुदाय के वह लोग झोपड़ी डाल कर एवं दौरी पलड़ा बना कर अपना जीवन बसर करते है । वही जब से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर देश मे लॉक डाउन किया गया है । तब से इनका रोजगार भी बंद हो गया। अब हाल यह है कि कभी कभी इन असहाय गरीबो को भूखे पेट रह कर रात्रि बीतान पड़ता है ।
भूखें पड़े धरकारों को नही मिल रहा राशन ।
वहीं सोनल धरकर ने बताया कि करीब 10 दिन पहले तहसील दार द्वारा 8 किलो राशन का पैकेज दिया गया था जो आज दो तीन दिन हुए खत्म हो गया जिसकी जानकारी हमने क्षेत्रीय लेखपाल को बताया तो उन्होंने कहा जल्द ही राशन मिल जाएगा पर आज तीन दिन हो गए अब तक राशन नही मिला।
अब कहीं से कुछ मिल जाता है तो खा लेते है नहीं तो पूरे परिवार को भूखे सोना पड़ रहा है ।
अब सवाल यह उठता है कि सरकार की योजनाओं पर व उनकी योजनाओं को धरातल तक पहुचाने वाले सरकारी कर्मवीर योद्धाओं पर जो करीब लाखों रुपये के आस पास तनख्वाह पाने वाले कर्मचारी जो अपने ही कार्यक्षेत्र में गरीबों को भूखें पेट सुला रहे। क्या यही हमारे सरकार की सिस्टम है । या कर्मचारियों की लापरवाही ।
रामप्रकाश तिवारी