प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के कच्छ में विकास की कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया. शिलान्यास के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात में किस तरह तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है.प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसानों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष अपने हित साधने के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रहा है.एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है. कनेक्टिविटी नहीं है. चुनौती का एक प्रकार से ये दूसरा नाम था. आज स्थिति ऐसी है कि लोग सिफारिश करते हैं कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए. : भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया. कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है. आज कच्छ की पहचान बदल गई है. : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समय था जब गुजरात के लोगों की मांग थी कि कम से कम रात में खाना खाते समय तो बिजली मिल जाए. आज गुजरात देश के उन राज्यों में से है, जहां शहर हो या गांव, 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाती है. जल जीवन मिशन के सवा साल में तीन करोड़ परिवारों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है. गुजरात में 80 प्रतिशत घरो में साफ पानी की सुविधा दी गई. : भारत रेन्युएबल एनर्जी के उत्पादन में दुनिया में चौथे नंबर पर है. पिछले छह सालों में हमारी सोलर एनर्जी की क्षमता 16 गुना तक बढ़ी है. आज भारत जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में पूरी दुनिया को दिशा दिखा रहा है :गुजरात में खेती की परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है. फसलों की विविधता पर फोकस किया गया. कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गए. सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है. मोदी ने कहा कि आजकल दिल्ली के पास किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सुधारों को लेकर काफी लंबे समय से मांग की जा रही थी कि किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट हो. लेकिन अब विपक्ष में बैठे लोग किसानों को गुमराह करने की कोशिश में लगे हुए हैं.किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे. आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए. कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी. अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए. :आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं. वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे. जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है. : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है. किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रहा है.
कौशलेन्द्र की रिपोर्ट.