पटना, 02 दिसम्बर ::महिला सुरक्षा एवं महिला उत्थान के दिशा में बिहार सरकार द्वारा रोज हो रहे नए-नए कार्य एवं योजनाओं के बाद भी धरातल पर स्थिति कुछ और है। पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र स्थित बहादुरपुर कॉलोनी सेक्टर -7 ,ब्लॉक- 5 एवं फ्लैट नंबर- 48 में हुई घटना के एक महीना बीतने के बाद भी स्थानीय पुलिस की रवैया उदासीन है। पुलिस की इस रवैया से मृतिका के परिजनों में काफी असंतोष और आक्रोश है।न्याय के लिए दर-दर भटक रहे मृतिका के परिजन एवं उसकी दो बच्चियों द्वारा रो-रो कर अपनी व्यथा सुनाती है। छोटी बच्ची जिसका उम्र लगभग 5 साल है ने आंखों देखी घटना के बारे में जो बयान किया है उससे मानवता शर्मसार हो गई है।परिजनों ने बताया कि स्थानीय थाना द्वारा किसी भी प्रकार के अनुसंधान के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है, साथ ही अत्यंत परीक्षण रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है, जिससे मृतक के पिता ,भाई एवं बड़ी बहन ने अनुसंधान व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा किया है। साथ ही, अगमकुआं थाना पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है कि मृतक द्वारा पूर्व में भी अगम कुआं थाना में स्वयं प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया गया था, उस समय भी अगमकुआं थाना पुलिस ने उदासीन रवैया अपनाया था और उस दिशा में कोई उचित कदम नहीं उठाया तथा समुचित करवाई नहीं कि जिससे उसके क्रूर परिजनों का साहस बढ़ता गया और अंतत उन्होंने अर्चना को मौत के घाट उतार दिया।पुनः इस बाबत अगम कुआं थाने में कांड संख्या-1060 दिनांक 02-11-23 को दर्ज कराया गया है। एक महीना बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई अनुसंधान का अधतन स्थिति नहीं बताया जा रहा है, न ही अभियुक्तों के विरुद्ध कोई करवाई की जा रही है। साथ ही हम लोगों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जा रहा है।इधर अभियुक्तों के समर्थको एवं अन्य रिश्तेदारों द्वारा मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दी जा रही है और दबाव बनाया जा रहा है। हम लोगों ने वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।