प्रिया सिन्हा, संपादक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव 16 जनवरी, 2020 को सीबीआई की विशेष अदालत में चारा घोटाला मामले के तहत पेशी के लिए पहुंच गए हैं। बता दें कि लालू यादव का राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में इलाज चल रहा है और उन्हें बीते साल इस मामले में आईपीसी के तहत सात साल और भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत भी इतने साल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही उन पर साठ लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले, झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। यही नहीं, लालू ने 1990 के दशक में दुमका कोषागार से 3.97 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी करने के चारा घोटाला मामले में जमानत मांगी थी।
जान ले कि जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने याचिका खारिज करने के लिए लालू को विशेष सीबीआई अदालत से मिली जेल की सजा का आधा समय भी पूरा नहीं होने को आधार माना। विशेष सीबीआई अदालत ने दुमका मामले में लालू प्रसाद को सात साल कैद की सजा सुनाई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लालू के मुख्यमंत्री रहने के दौरान पशुपालन विभाग में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का चारा घोटाला किया गया था और अभी तक इस घोटाले से जुड़े चार मामलों में कोषागार से फर्जी धन निकासी के दोष में लालू को सजा घोषित हो चुकी है। इनमें दो मामले चाईबासा कोषागार के हैं, जबकि एक-एक मामला दुमका व देवघर कोषागार का है।
हालांकि चाईबासा और देवघर के एक-एक मामले में लालू को जमानत मिल चुकी है। उन पर दोरांदा कोषागार से जुड़े पांचवां मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई जारी है। दिसंबर, 2017 से जेल में बंद लालू फिलहाल रांची में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में अपना इलाज करा रहे हैं।