कौशलेन्द्र पाण्डेय /
देश के बिल्डरों ने काम बंद कर सभी मजदूरों को अपने काम से निकाल कर बिना पैसा दिये भगा दिया, नोयडा से पैदल निकले मजदूरों को जो पैदल बंगाल के लिये निकले है उनको ओहि पर रोक का खाने की ब्यस्था करें. लॉकडाउन के समय आपने सोचा की उसके बाद जिसके लिये खाने का पैसा नहीं है, जिसके पास आधार कार्ड नहीं, जनवितरण प्रणाली का कार्ड नहीं है उनको सुविधा कैसे पहुंचेंगे, रेरी पटरी वालो के पास कागज नहीं है उनका क्या होगा. जो आपने डॉक्टर के लिये इन्सुरेंस 50लाख का किया तो सफाई कर्मियों को क्यों नहीं, जो मजदूर जहां मिले उसको खाने की व्यवस्था करने की जरुरत है.
मानवता की 10केटेगरी है, रासन, गैस की सप्लाई सभी के लिये करने की जरुरत है, गरीब भूख से मर जाये इससे बचाने के लिये सरकार को खुद को खुद आगे आना होगा.
आपको आधार कार्ड को आधार बना कर सभी को मदद करने की जरुरत है.
सरकार अस्पताल बनाने जा रही है इसको त्याग कर जो प्राइवेट हॉस्पिटल को लेने मे क्या परेशानी है.
जिसको रहने का ठिकाना नहीं है उनको स्कूलों मे रहने की व्यस्था करें.