सतीश मिश्र, मुजफ्फरपुर, भूखमरी की समस्या से जूझ रहे मजदूर कोरोनो संकट से निवटने के लिय लगाया गया लॉकडाउन प्रवाशियो के लिये मौत का पैगाम लेकर आया है। बिहार प्रदेश के मुजफ्फरपुर ज़िला अंतर्गत साहेबगंज प्रखंड के मधुरापुर, बल्थी सहित अन्य कई गाँव के 40 से भी अधिक मजदूर गुजरात के बड़ोदरा ज़िला के बझवा स्टेशन के समीप करचिया में लॉक डाउन के कारण फॅसे हुये है।ये सभी मजदूर आईओसीएल रिफाइनरी में दैनिक मजदूर के रूप में प्राइवेट कंपनी के माध्यम से काम करने पहुंचे थे। साहेबगंज विधानसभा के रालोसपा प्रदेश महासचिव मदन चौधरी ने बताया कि जो प्राइवेट ठेकेदार इन्हें काम पर ले गये थे । वह लॉकडाउन प्रारंभ होते अपना पल्ला झाड़ लिया । 40 की संख्या में सभी मजदूर न घर के न घाट के बने हुये है। गाड़िया बंद रहने से इतनी लंबी दूरी तय करना आसान नहीं है । अभी उनके सामने स्थिति इतनी गंभीर है कि उन्हें नही गुजरात सरकार से मदद मिल रही है और नहीं बिहार सरकार से ।सभी हेल्पलाइन सफेद हाथी की तरह है । मधुरापुर व बल्थी निवासी महेंद्र साह , राजेन्द्र दास , मुकेश यादव , सुबोध कुमार , कवींद्र साह , रविन्द्र राय , संदीप राय , भरत कुमार राजेश कुमार , पप्पू कुमार सहित सभी 40 से अधिक मजदूरों का कहना है कि प्रवासी मजदूरों की सभी मदद टीवी , अखबारो तक सीमित है । लॉकडाउन की यही स्थिति रही तो कोरोना महामारी से पहले खाने व इलाज के अभाव में मर जायेंगे । एक तो पैसे का अभाव दूसरे महंगा खाद्य सामग्री मिलने से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है तथा मुनाफाखोरो द्वारा इस संकट मे भी मदद करने के वजाय जले पर नमक छीड़कने का काम कर रहे है।