केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों को लेकर 8 दिसंबर, 2020 को किसान संगठनों ने भारत बंद बुलाया था पर इस दौरान बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहीं भी दिखाई नहीं दिए। हालांकि, उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता जगह-जगह प्रदर्शन करते जरूर दिखाई दिए। बस फिर, क्या तेजस्वी के बंद के दौरान नदारद रहने पर सत्ता पक्ष ने उन्हें जमकर घेर लिया है।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि – भारत बंद के दौरान तेजस्वी कहीं दिखाई नहीं दिए। विपक्ष के नेता दिल्ली में छुट्टी मना रहे थे।
वहीं, दूसरी ओर बिहार की एनडीए सरकार में सहयोगी जदयू के नेता नीरज कुमार ने भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि तेजस्वी यादव कहां हैं।
दरअसल, नीरज कुमार ने लालू प्रसाद यादव के नाम चिट्ठी तक लिख डाली है और सवाल किया है कि होटवार इंजन से संचालित राजद और उनके सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बताएं कि भारत बंद के दौरान तेजस्वी यादव कहां थे।
नीरज कुमार ने आगे यह भी कहा कि – आपके पारिवारिक पार्टी में तेजस्वी फोबिया है, इसलिए स्पष्ट करिए कि पांच दिसंबर को आपके चार्जशीटेड पुत्र के द्वारा राष्ट्रपति महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास खड़े होकर संकल्प लिया गया था कि वह आठ दिसंबर को बंद के दौरान शामिल होंगे। वो कहां हैं? कहां लापता हैं? कहां विलुप्त हैं? इस बात को स्पष्ट करिए?
यही नहीं, राजद का यह भी कहना है कि भारत बंद बिहार में पूरी तरह से सफल रहा है। और तो और पार्टी ने बंद को ऐतिहासिक भी करार दिया है। पार्टी की मानें तो तीन कृषि कानूनों के विरोध में किया गया भारत बंद अभूतपूर्व और ऐतिहासिक रूप से सफल रहा है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने इसे पूरी तरह से फ्लॉप बताया है।
बताते चलें कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि – बिहारवासियों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने किसानों के साथ खड़े होकर भारत बंद को सफल बनाया। पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा, बंद के दौरान हमें राजनीतिक दलों समेत मजदूर संगठनों का व्यापक समर्थन मिला।
प्रिया की रिपोर्ट.