शिप्रा की रिपोर्ट . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों ने इस महामारी के दौरान अपनी नौकरी गंवाई है, उन सभी के ईपीएफओ अकाउंट में सरकार 2022 तक पीएफ का अंशदान जमा करेगी. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि जिन लोगों का ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन होगा, उन्ही लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा.उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते रोजगार पर संकट को देखते हुए इस वर्ष का मनरेगा का बजट 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के लिए 2022 तक नियोक्ता के साथ-साथ कर्मचारी के पीएफ हिस्से का भुगतान करेगी, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दीं, लेकिन उन्हें औपचारिक क्षेत्र में छोटे पैमाने की नौकरियों में काम करने के लिए फिर से बुलाया गया है. इन यूनिट्स का ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन होने पर ही यह सुविधा दी जाएगी.MSME को जो स्थान दशकों तक नहीं मिला, वह हम दिला रहेवित्त मंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को दशकों तक जो स्थान नहीं मिला वह केंद्र की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार ने दिलाया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एमएसएमई को वाजिब पहचान दी है. इस क्षेत्र को दशकों तक जो स्थान नहीं मिला वह अब उसे दिलाया जा रहा है और आगे भी इसे और बेहतर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों को देखें तो केंद्र सरकार ने काफी अलग चीजें की हैं. सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा को बहुत लचीले तरीके से बदला है. हाल में संसद में एक विधेयक लाया गया है जिससे एमएसएमई क्षेत्र को सीधे तौर पर फायदा होगा.