आरा : बच्चे को अभिभावक स्कूल पढ़ने भेजे और शिक्षक द्वारा करवाया जाए काम तो सुनने में अटपटा लगता है। ऐसे ही उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय कायमनगर के प्रधानाध्यापक पर ऐसा करवाने का आरोप लगा है। आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे। यहां विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र पढ़ने तो आते हैं पर उन्हें पढ़ाई नहीं करा कर उनसे मजदूरों की तरह नाली साफ कराया जाता व पान पराग( गुटखा )जैसी नशीली जहर भी मंगाया जाता है ।प्रधानाध्यापक के इस कुकृत्य से छात्र और अभिभावक दोनों सकते में हैं। इन शिक्षकों की लापरवाही से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। जिससे शिक्षक की इस हरकत से छात्र छात्राओं के परिजन आक्रोश में दिख रहे हैं। परिजनों का कहना है कि एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन नशा मुक्ति अभियान चलाकर नशा छुड़वाने की बात कर रही है। पर इस स्कूल के शिक्षक बच्चों से पान पराग( गुटखा)जैसे नशीली पदार्थ मंगाकर सेवन करते हैं। और बच्चों को इसकी शिकार बनाना चाहते हैं।वही जब स्कूल में मिडिया पहुंची तो शिक्षक छात्रों से नाली को सफाई करवा रहे थे .जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप कौन हैं। जब कहा गया कि मीडिया से है। तो बोला कौन मीडिया से हैं . तो अपने संपादक से कह देना और मेरा नाम धर देना। जिससे लग रहा था कि शिक्षक बड़ी पैरवी वाले दिख रहे थे ।क्या शिक्षक को फर्ज नहीं बनता है की छात्राओं से जो काम करवा रहे हैं. अपने भी खुदा क्यों नहीं कर रहे हैं। इस वीडियो में देख लीजिए शिक्षक किस कदर भड़क रहे हैं वीडियो में क्या कह रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस खबर के बाद शिक्षा विभाग इस शिक्षक पर क्या कार्रवाई करता है। या ऐसे ही शिक्षक को छोड़ देता है। या आगे भी शिक्षक ऐसे ही छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों के साथ व्यवहार करते रहेंगे।
बिहार/ झारखंड काँर्डिनेटर