नई दिल्ली-कौशलेन्द्र पाण्डेय,
लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक इस बात पर तीखी नोकझोंक हुई कि इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है या नहीं। विपक्ष द्वारा बिल के अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाने पर शाह ने बंटवारे का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन तो कांग्रेस पार्टी ने किया है, हमने नहीं। कांग्रेस ने अगर धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं किया होता तो आज यह नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी देशों में मुसलमानों के खिलाफ धार्मिक प्रताड़ना नहीं होती है, इसलिए इस बिल का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। अगर ऐसा हुआ तो यह देश उन्हें भी इसका लाभ देने पर खुले दिल से विचार करेगा।गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पेश करते हुए दावा किया कि यह बिल अल्पसंख्यकों के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस बिल पर एक-एक सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। वह इस पर सदन में विस्तृत चर्चा का स्वागत करेंगे। हालांकि, गृह मंत्री के इस आश्वासन के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा। विरोधी सदस्यों ने यह सवाल उठाया कि इस तरह के बिल पर सदन में चर्चा हो ही नहीं सकती। इसके जवाब में अमित शाह ने अपने तर्क रखे। बाद में करीब 1:30 बजे लोकसभा में बिल को पेश करने पर मतदान हुआ। आखिर में बिल पेश करने के पक्ष में 293 और विपक्ष में 82 वोट पड़े।