प्रिया सिन्हा, यह घटना बिहार के सीतामढ़ी का है जहां 2 बेटियां अपने ही पिता के हत्यारे को पकड़वाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। इन बेटियों की मानें तो थाने के दरोगा से लेकर बिहार के डीजीपी तक यह अपनी गुहार लगा चुकी हैं। यही नहीं, यह दोनों बहने बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक अपनी अर्जी भी दे चुकी है लेकिन पटना से लेकर दिल्ली तक कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बेटियों का साफ कहना है कि उनके पिता के हत्यारे की पहचान हो गई है… और तो और उस घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी मौजूद हैं लेकिन इसके बावजूद पुलिस आरोपियों को पकड़ने की जहमत तक उठाने की कोशिश नहीं कर रही है… दोनों बेटियों का एक ही सवाल है कि आखिर वो कौन सा ऐसा ताकतवर अपराधी है जिसको बचाने के लिए तमाम ताकतें लगी हुई हैं???
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व मुखिया अशोक कुमार की 6 अक्टूबर, 2019 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। सीतामढ़ी के परसौनी थाने में 73/19 मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि इस हत्याकांड में गांव को दो व्यक्तियों के साथ-साथ उसी इलाके का रहने वाला रणधीर सिंह भी शामिल था जिसने पूर्व मुखिया पर गोली चलाई थी। आरोपों के मुताबिक हत्या में कुल 6 लोग शामिल थे जिसमें तीन की पहचान हो चुकी है।
बताते चलें कि पूर्व मुखिया की हत्या में गांव के जो दो लोग शामिल थे, उन्हें गांववालों ने ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था। जबकि, रण्धीर सिंह के साथ उसके दो अज्ञात साथी अभी भी फरार हैं। इन पर आरोप है कि घटना के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस ने इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। यहां तक कि रणधीर सिंह के घर पर न तो पुलिस ने इश्तेहार लगाया ना ही कुर्की-जब्ती की।
गौरतलब है कि पिता की हत्या के बाद से ही बड़ी बहन वंदना और छोटी बहन जिया लगातार जगह-जगह जाकर इंसाफ की गुहार लगा रही हैं। इनका पूरा परिवार अस्तव्यस्त हो चुका है। इनका एक छोटा भाई है वो अभी पढ़ाई कर रहा है। वंदना का यह आरोप है कि सीतामढ़ी कोर्ट के पीपी का कहना है कि रणधीर सिंह का नाम हटा दो फिर चाहे जिसको गिरफ्तार करना है, करवा लो।