जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना 25 जुलाई ::गुवाहाटी में संपन्न हुए असम की नवगठित प्रदेश जदयू कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय सचिव एवं पार्टी के असम प्रभारी राजीव रंजन प्रसाद ने विपक्षी दलों की पटना एवं बंगलुरू की बैठकों के पश्चात देश में एक मजबूत विकल्प बनने की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बड़े बदलाव के सूत्रधार हैं। उनके राष्ट्रव्यापी दौरों एवं विभिन्न दलों के शीर्ष नेतृत्व से संवाद ने विपक्षी एकजुटता में एक प्रमुख भूमिका का निर्वहन किया है।श्री प्रसाद ने कहा कि बीजेपी बैकफ़ुट पर है। हालात किस कदर बदल रहे हैं कि उन्हें संयुक्त विपक्ष का मुकाबला करने के लिये कागजी दलों से समझौता करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि असम में विपक्ष की एकजुटता का मुकाबला हिमन्ता सरकार नहीं कर पाएगी, क्योंकि विकास कार्यों की अनदेखी करके केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के बलबूते असम जैसे संवेदनशील राज्य में बीजेपी की जीत कतई संभव नहीं है।श्री प्रसाद ने प्रदेश कार्यसमिति को आह्वान करते हुए कहा कि चप्पे चप्पे में सदस्यता अभियान को चलाने की आवश्यकता है।पार्टी का सांगठनिक विस्तार इससे संभव हो पाएगा, साथ ही राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर तय कार्यक्रमों को संचालित करने में सहूलियत होगी।उक्त अवसर पर प्रदेश इकाई के संयोजक परेश नाथ ने बताया कि लोअर असम की जिला समितियों का गठन हो चुका है, अपर असम में भी संगठन की इकाइयाँ गठित हो रही हैं।उक्त अवसर पर मुनमुन देवरी, जयंता चौधरी, काजी नक़ीब अहमद, प्रदीप कुमार भुइयाँ, एम आर चौधरी, नीरज कुमार प्रसाद, अमिताभ फुकन, चित्तापानी दास, विप्लव बानी बारगोहाई, सत्येंद्र कुमार कटकी, चान महमूद, मुख़्तार हुसैन, अब्दुरसलाम, मृगेंद्र नाथ तालुकदार, सूबान अली, कल्याण बर्मन, मधुमिता अमेही, प्रतिभा बारदोलाई, बिजुल बोरा, पुनील चेटिया, दुलाल चंद्र नाथ, त्रैलोक्य नाथ, तारिक अली, तिलेश्वर बोरा, मोहम्मद रूबू अली आदि उपस्थित थे।