वरीय संपादक- जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (नई दिल्ली), 28 मार्च ::जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) विभिन्न राजनीतिक दलों के कायस्थों के प्रति उदासीनता के भाव को तोड़ने के लिए कालबद्ध कार्यक्रम चलाएगा और इस सिलसिले में अगले वर्ष 2023 में नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी मुद्दे को लेकर बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगा । यह निर्णय 27 मार्च (रविवार) को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में जीकेसी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में लिया गया ।बैठक की अध्यक्षता करते हुए ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि शैक्षणिक , सांस्कृतिक, बौद्धिक और तकनीकी रूप से मजबूत कायस्थ जाति के हितों तथा उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है और इस ओर उदासीनता का भाव है । कायस्थों को नजरअंदाज किए जाने के मुद्दे को लेकर शीघ्र ही कालबद्ध अभियान की घोषणा की जायेगी।उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज की मशाल वाहक जाति है और समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलती है लेकिन आज इनके हितों तथा महत्वपूर्ण भागीदारी की उपेक्षा करना समाज और राष्ट्रहित के लिए नुकसानदेह है।श्री प्रसाद ने कहा कि अगले वर्ष नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी को लेकर होने वाले महाकुंभ में विभिन्न प्रांतों से एक लाख से अधिक लोगों की भागीदारी होगी । इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी जाएगी ।उन्होंने कहा कि जीकेसी का देश के उन कुछ राज्यों में भी विस्तार हो रहा है जहां हम अपना संगठन खड़ा नहीं कर पाए थे । आज आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के लिए प्रदेश संयोजकों का मनोनयन किया जा रहा है ।इसके साथ ही ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस का देश के 20 से अधिक राज्यों में गठन हो चुका है और शीघ्र ही अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में भी संगठन की घोषणा कर दी जाएगी।ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि कायस्थों के राजनीतिक हित को नजरअंदाज किए जाने और विभिन्न राजनीतिक दलों के उदासीन रवैया को लेकर देश की इस सबसे बुद्धिजीवी जाति खासकर युवाओं में उबाल है । जीकेसी इन्हीं मुद्दों को लेकर सामने आ रहा है । इससे देश के विभिन्न हिस्सों से हमें व्यापक समर्थन मिला है और बड़ी संख्या में लोग जीकेसी को समर्थन एवं सहयोग कर रहे हैं ।बठक में प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन, ग्लोबल उपाध्यक्ष आनंद सिन्हा, महासचिव अनुराग सक्सेना समेत अनेक पदाधिकारीगण उपस्थित थे।