पटना ब्यूरो , ८ सितम्बर। आधुनिक चिकित्सा-विज्ञान के हर क्षेत्र में फ़िज़ियोथेरापी की भूमिका बहुत तेज़ी से बढ़ी है। अब इसकी आवश्यकता अस्थि, नस, पेशी, जोड़, सनायु आदि से संबंधित रोगों तक ही नहीं, लगभग सभी प्रकार के रोगों में पड़ने लगी है। कई बीमारियों में इसके विना कोई लाभ हो ही नहीं सकता। अनेक रोगों के उपचार में शल्य-चिकित्सा एवं औषधियों के साथ फ़िज़ियोथेरापी भी ज़रूरी हो गया है।यह बातें शुक्रवार को विश्व फ़िज़ियोथेरापी दिवस पर, इंडियन एसोसिएशन औफ़ फ़िज़ियोथेरापिस्ट्स (आई ए पी) के सौजन्य से, बेउर स्थित इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए, संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार में जिन दिनों चिकित्सक-गण भी फ़िज़ियोथेरापी के बारे में कुछ नहीं जानते थे, उनके संस्थान ने निजी क्षेत्र में आरंभ हुए देश के प्रथम संस्थान के रूप में एक अलख जगाया। आज प्रत्येक प्रबुद्ध नागरिक इससे और और इसके महत्त्व से अवगत है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि फ़िज़ियोथेरापी एक स्वतंत्र चिकित्सा-पद्धति है। चिकित्सा-विज्ञान के भविष्य में इसका बड़ा योगदान होना है, क्योंकि यह कोई दुष्प्रभाव उत्पन्न किए विना रोगियों का उपचार करने में सफल है।आई ए पी, बिहार के अध्यक्ष डा नरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि विश्व भर में फ़िज़ियोथेरापी के महत्त्व को समझाने के लिए, वर्ष १९९६ से प्रत्येक ८ सितम्बर को ‘विश्व फ़िज़ियोथेरापी दिवस’ मनाया जाता है। इसी दिन १९५२ को ‘वर्ल्ड कंफ़ेडेरेशन औफ़ फ़िज़ियोथेरापिस्ट्स’ की स्थापना हुई थी। फ़िज़ियोथेरापी का महत्त्व कितना बढ़ा है यह इसी से समझा जा सकता है कि भारत के प्रधानमंत्री भी इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर रहे हैं।रेड क्रौस, पटना में वरीय फ़िज़ियोथेरापिस्ट और एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डा निरंजन कुमार, डा जोशनी पाण्डेय और डा रजनी ठाकुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।अतिथियों का स्वागत डा नवनीत कुमार झा ने तथा मंच का संचालन प्रो संतोष कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर, प्रो संजीत कुमार, डा विकास कुमार सिंह, प्रो जया कुमारी, प्रो मधुमाला कुमारी, प्रो प्रिया तिवारी, प्रो चंद्रा आभा, प्रो आदित्य कुमार ओझा, प्रो देवराज कुमार, प्रो रानू कुमार, संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार,समेत बड़ी संख्या में सस्थान के शिक्षक, कर्मी एवं छात्रगण उपस्थित थे।इस अवसर पर लगाए गए निःशुल्क जाँच एवं उपचार शिविर में ४४ मरीज़ों को फ़िज़ियोथेरापी के लिए चिन्हित किया गया, जिनको थेरापी दी जा रही है।