पटना: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि जिस तरह कभी मंडल कमिशन को लागू कर के पूर्व प्रधानमन्त्री वीपी सिंह पिछड़े समाज के मसीहा बन कर उभरे थे उसी तरह आज जातिगत गणना करवा कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अतिपिछड़े समाज के नायक बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि कौन नहीं जानता था कि आजादी के 76 वर्ष बीतने के बाद भी राजनीतिक व सामाजिक कारणों से अतिपिछड़े समाज को हाशिये पर ही छोड़ दिया गया था. अतिपिछड़े समाज को कोई पूछता तक नहीं था. लेकिन नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली, रोजगार आदि विकास कार्यों से पहले उन्हें सशक्त बनाया और अब जातिगत गणना करवा कर उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत व महत्व का भान करवाया है. यह उन्हीं की देन है कि जिस अतिपिछड़ा समाज को वोटबैंक से अधिक नहीं समझा जाता था, आज उनके विकास की बात राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बन चुका है. नीतीश जी के कारण ही आज भाजपा जैसे अतिपिछड़ा विरोधी दल को भी इस समाज के आगे-पीछे घूमने पर मजबूर होना पड़ रहा है. जदयू महासचिव ने कहा कि इस जातिगत गणना के बाद अब पूरे देश के अतिपिछड़े समाज को अपनी राजनीतिक हैसियत का पता चल गया है. वह जान चुके हैं कि अब कोई भी राजनीतिक पार्टी अतिपिछड़े समाज की मांगों को दरकिनार करने की हिम्मत नहीं करने वाली. नीतीश जी के इस कदम से पहली बार लोकसभा चुनाव अतिपिछड़े समाज के विकास के इर्द-गिर्द लड़ा जाने वाला है. लोग जान चुके हैं देश में सर्वाधिक संख्या रखने वाला यह समाज केवल अपने बलबूते किसी की सरकार बना सकता है तो गिरा भी सकता है. केंद्र सरकार से देशव्यापी स्तर पर जातिगत गणना करवाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की देखादेखी आज सभी राज्यों में जातिगत गणना करवाने की होड़ मच चुकी है. उड़ीसा से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, जहां अतिपिछड़ों की संख्या 45% होने की बात सामने आ रही है. छतीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में तो यह चुनावी वादा बन चुका है. बिहार के बाद ओड़िसा में अतिपिछड़ा समाज के बहुसंख्यक साबित होने के बाद यह तय है कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर गणना करवाई जाए तो अतिपिछड़ा समाज की संख्या देश की आधी आबादी से भी अधिक हो सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि जल्द से जल्द पूरे देश में जातिगत गणना करवाए. इससे न केवल पूरे देश भर में अतिपिछड़ों की वास्तविक स्थिति पता चलेगी बल्कि उन्हें लक्षित कर के योजनायें बनाने में भी आसानी होगी.