पटना ब्यूरो , ८ नवम्बर। बिहार के तकनीकी विशेषज्ञों, रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजिस्टों एवं अन्य सभी तकनीकी विशेषज्ञता वाले गुणी व्यक्तियों को अपने प्रदेश को प्राथमिकता में रखना चाहिए। रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजिस्टों की प्रदेश में बड़ी कमी है। इसलिए प्रशिक्षित व्यक्तियों को पहले अपने बिहार की सेवा करनी चाहिए।यह बातें बुधवार को, ‘विश्व रेडियोलौजी दिवस’ के अवसर पर, बेउर स्थित संस्थान इंडियन इंस्टीच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए, बिहार के उद्योगमंत्री समीर कुमार महासेठ ने कही।
रोग बढ़ते जा रहे है। ऐसे में बड़ी संख्या में प्रशिक्षित तकनीशियनों की आवश्यकता होगी।समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि ‘रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी’ स्वास्थ्य-सेवाओं का वह क्षेत्र है, जिसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति का नेत्र कहा जा सकता है। अनेक प्रकार के रोगों और शारीरिक समस्याओं की पड़ताल में इसका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने ने कहा कि, अपने समय के महान वैज्ञानिक विलियम सी रोंटजन ने सन १८९५ में ८ नवंबर को ‘एक्स-रे’ की खोज की थी। इसीलिए इस तिथि को ‘विश्व रेडियोलौजी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। एक्स-रे के आविष्कार ने चिकित्सा विज्ञान ही नहीं जीवन के अनेक क्षेत्रों में क्रांति पैदा की है, जिसका लाभ आधुनिक संसार को मिल रहा है।दूरदर्शन, बिहार के कार्यक्रम-प्रमुख और सुविख्यात कलाकार डा राज कुमार नाहर ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि इस संस्थान के छात्र देश भर में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, जिससे बिहार वासियों को गौरव की अनुभूति होती है।चर्चित रेडियो-टेक्नोलौजिस्ट प्रो सरोज कुमार ने कहा कि आधुनिक तकनीक से रेडियो इमेज लेना और अधिक सरल हो गया है। एम आर आई में बहुत ही कम रेडियेशन होता है। आधुनिक तकनीक से हम बहुत सरलता से रोगों की पड़ताल कर सकते हैं। संस्थान के प्रबंध निदेशक आकाश कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत संस्थान के रेडियोलौजी विभाग के अध्यक्ष प्रो संतोष कुमार सिंह ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन प्रो मधुमाला कुमारी ने किया।इस अवसर पर संस्थान के बैचलर ऑफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी के चार मेधावी छात्र-छात्राओं, विशाल कुमार, अजमल खान, मुस्कान कुमारी तथा किशन दूबे को ‘रेडिग्राफ़ी एक्सिलेंस अवार्ड’ से पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम के आरंभ में उदयोगमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा रेडियोलौजी से संबंधित लगायी गयी वैज्ञानिक-प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा विद्यार्थियों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आनन्द उठाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के विशेष आकर्षण रहे, ‘सा रे गा मा पा’ के फ़ायनलिस्ट मोहम्मद कैफ़, जिन्होंने देश-भक्ति के अनेक गीतों से समारोह को यादगार बना दिया।संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार, डा विकास कुमार सिंह, प्रो संजीत कुमार, डा संजीता रंजना, डा नवनीत कुमार झा, डा आदित्य ओझा, प्रो जया कुमारी, प्रो प्रिया कुमारी, प्रो कपिल मुनि दूबे, चंद्र आभा, देवराज कुमार, रामू पाण्डेय, रजनीकांत तथा शुभ लक्ष्मी समेत बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मी और छात्रगण उपस्थित थे।