पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने अपने एक्स हैंडल के जरिये भाजपा पर चुटकी लेते हुए लिखा है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयंती पर बिहार के अतिपिछड़ा समाज के उमड़े जनसैलाब ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके एकमात्र सर्वमान्य नेता हैं. मुख्यमंत्री जी के आह्वान पर जयंती समारोह में तकरीबन 5 लाख लोगों का आगमन हुआ, जिसमें से लगभग 3 लाख लोग सभास्थल तक पहुंचने में कामयाब रहे. दूसरी तरफ जदयू की देखादेखी इसी तरह का आयोजन कर भाजपा ने अपनी भद्द पिटवा ली है. उनके कार्यक्रम में नेतागण आम जनता का मुंह देखने के लिए तरसते रह गये. उन्होंने लिखा है कि जानकारी के मुताबिक भाजपा के कार्यक्रम में अतिपिछड़ा समाज के लोगों की संख्या न के बराबर रही. लोग बता रहे थे कि इनके कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से ज्यादा संख्या सड़क पर चलने वाले राहगीरों और दुकान लगाने वाले लोगों की थी. इस कार्यक्रम के बहाने भाजपा अतिपिछड़ा समाज में अपनी शक्ति दिखाने के चक्कर में थी, लेकिन जनता ने उन्हें उनकी हैसियत बता दी. जदयू प्रवक्ता ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि वास्तव में यह नीतीश कुमार द्वारा करवाई गयी जातिगत गणना का दबाव है जिसके कारण भाजपा को अतिपिछड़ा समाज के आगे-पीछे घुमने को मजबूर होना पड़ रहा है. वास्तव में अतिपिछड़ा समाज का हित कभी भी इनके एजेंडे में रहा तक नहीं. इनके अतिपिछड़ा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ने साफ़ बताया था कि इनकी पार्टी में अतिपिछड़ा विरोध इतना अधिक है कि अभी से पहले इस समाज के लोगों को कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाने तक की इजाजत नहीं थी. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना करवा कर इन्हें अतिपिछड़ा समाज के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया है. उन्होंने लिखा कि अपने असफ़ल आयोजन के बाद भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि बिहार का अतिपिछड़ा समाज उनकी हकीकत अच्छे से समझता है. उन्हें पता है कि भाजपा का अतिपिछड़ा प्रेम सिर्फ वोटों के लिए और चुनावों तक सीमित है.