दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में देखने को मिली मौत की इमारत जिसने सबको चौंका कर रख दिया है। बता दें कि 16 जुलाई मंगलवार को एक चार मंजिला आवासीय इमारत गिर गई जिससे अब तक 12 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। वहीं, मलबे में अभी कई लोगों के फंसे होने की भी आशंका जताइ जा रही है। बता दें कि मलबे में दबे लोगों में से अभी तक एक मासूम समेत पांच लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल का इस हादसे को लेकर कहना है कि – “इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है… काफी संख्या में स्थानीय लोग बचाव में लगे हुए हैं…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक –
इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी काफी शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि – ‘मुंबई के डोंगरी में इमारत गिरना व्यथित कर देने वाली घटना है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। घयलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ यही नहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए एक ट्वीट में लिखा है, ‘राज्य सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय इकाइयां बचाव कार्य में जुटी हुई हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं।’
दूसरी ओर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार डोंगरी में टंडेल मार्ग पर स्थित भूतल के अतिरिक्त चार मंजिल वाली इस ‘केशरबाई बिल्डिंग’ का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया।
पुलिस ने यह बात बतायी है कि इस हादसे में अभी तक 12 लोगों की मौत हुई है और कई घायल हो गए हैं। बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे, इसलिए इसके मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है।
गौरतलब है कि दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें भी काफी आ रही हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में भी काफी मदद कर रहे हैं।
बताते चलें कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी ने मुंबई की 499 इमारतों को असुरक्षित घोषित कर दिया है। मानसून के दौरान 500 इमारतें ऐसी हैं जिनपर खतरा मंडरा रहा है। बीएमसी के लिए सिरदर्द बनीं इन इमारतों में रहने वाले कई लोग इन्हें खाली नहीं करना चाहते हैं।