अनुज मिश्रा,
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिये मंगलवार का दिन काफ़ी महत्वूपर्ण होगा. सोमवार की शाम तक राजधानी भोपाल में राजनीतिक सरगर्मिया तेज़ हो गईं और यह बात साफ़ हो गई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार से नाराज़ हैं और अगला क़दम लेने से पहले किसी भी तरह की बात करने से बच रहे हैं.देर रात कमलनाथ द्वारा बुलाई गई केबिनेट बैठक में 20 मंत्रियों ने अपने इस्तीफ़े सौंप दिये. यह बैठक सरकार पर आए संकट को लेकर बुलाई गई थी. इस्तीफ़े सौंपने वाले सभी मंत्री कमलनाथ के क़रीबी हैं.वहीं सोमवार को दिन में ख़बर फैली कि सिंधिया गुट के 17 विधायक जिनमें छह मंत्री भी शामिल हैं उन्होंने बेंगलुरु का रुख़ कर लिया.बैठक से बाहर निकल कर मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा, “लगभग 20 मंत्रियों ने अपने इस्तीफ़े मुख्यमंत्री को दे दिये हैं. जिस तरह का वातावरण भारतीय जनता पार्टी बना रही है. हमने इस्तीफ़े देकर यह बात उनके विवेक पर छोड़ी है कि मुख्यमंत्री जी अपने मंत्रिमंडल का गठन स्वतंत्रता पूर्वक कर सकते हैं. हमें कांग्रेस की सरकार चलानी है, जनता ने हमें पाँच साल के लिए चुना है. भाजपा अपनी चाल में कामयाब न हो इसलिए हमने अपने इस्तीफ़े दिए हैं.”