सरकार ने 8 जनवरी तक MSP पर 531 लाख टन धान खरीदा, 70 लाख से ज्यादा किसानों ने बेची फसल. सरकार ने चालू खरीफ मार्केटिंग सेशन में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 70 लाख से ज्यादा किसानों से 531.22 लाख टन धान की खरीद की है. सरकार ने यह खरीद एक लाख करोड़ रुपये से अधिक में की है.सरकार ऐसे समय धान की खरीद कर रही है, जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. खरीफ मार्केटिंग सेशन अक्टूबर से शुरू होता है.26 फीसदी ज्यादा हुई है धान की खरीद. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ”चालू खरीफ मार्केटिंग सेशन 2020-21 में सरकार एमएसपी पर किसानों से खरीफ 2020-21 की उपज की खरीद कर रही है.” आठ जनवरी तक धान की खरीद 531.22 लाख टन रही है. यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 26 फीसदी ज्यादा है.ये भी पढ़ें- Union Budget 2021: अर्थशास्त्रियों ने दी निजीकरण तेज करने की सलाह, इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी दिया जोर.कुल खरीद में पंजाब का योगदान सबसे ज्यादाबयान में कहा गया है कि करीब 70.35 लाख किसानों को मौजूदा खरीफ मार्केटिंग सेशन के खरीद परिचालन से लाभ हुआ है. अब तक एमएसपी पर खरीद में सरकार ने 1,00,294.26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. धान की कुल 531.22 लाख टन की खरीद में पंजाब का योगदान सबसे अधिक 202.77 लाख टन का है. बयान में कहा गया है कि आठ जनवरी तक 24,063.30 करोड़ रुपये में कपास की 82,19,567 गांठ की खरीद हुई है. इससे 16,00,518 किसानों को लाभ हुआ है.किसान आंदोलन: 15 जनवरी को फिर मिलेंगे किसान और सरकारपंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे किसान यूनियनों तथा केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत भी शुक्रवार को बेनतीजा रही. अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी.
अनुज मिश्रा की रिपोर्ट.