सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट / विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर छात्रसंघ चुनाव को लेकर विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में गहमागहमी बढ़ गई है। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रनेता भी सक्रिय हो गए हैं। यहीं नहीं छात्रनेताओं ने पोस्टर व होर्डिंग भी लगना शुरू कर दिया है। प्रतिबंध के बावजूद तमाम छात्रनेताओं ने विद्यापीठ के गेट नंबर एक पर पोस्टर चस्पा किए हुए हैं।विद्यापीठ के स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं शुक्रवार को पूरी तरह समाप्त हो गई। हालांकि स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं चल रही है। परीक्षा छूटते पर भी तमाम छात्रनेता प्रचार-प्रसार कर कर रहे हैं। हवा में पंपलेट उड़ाने व परिसर में नारेबाजी का भी दौर शुरू हो गया है। यहीं नहीं विश्वविद्यालय की हर छोटी-बड़ी सूचनाएं छात्रनेता इंटरनेट मीडिया पर भी पोस्ट कर रहे हैं। इसके पीछे आम छात्रों के बीच घुसपैठ बनाना है।विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण तमाम छात्रों का अगली कक्षा में अब तक दाखिला नहीं हो सका है। ऐसे में छात्र नहीं है फिर भी छात्रनेता बने हुए हैं।छात्रसंघ चुनाव नियमावली के तहत एक छात्र अधिकतम पांच हजार रुपये ही कर सकता है। वहीं चुनाव से पहले ही तमाम छात्रनेता खर्च की सीमा पार कर चुके हैं। एक छात्रनेता ने बताया कि पोस्टर-होर्डिंग में अब तक बीस हजार से अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं। वहीं विद्यापीठ के अध्यापकों का कहना है कि चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद खर्च की सीमा पर पांच हजार रुपये तय है।अक्टूबर में चुनाव संभवछात्रनेताओं की माने तो इस बार छात्रसंघ चुनाव सितंबर-अक्टूबर में संभावित है। वैसे से दाखिला पूर्ण होने के चार सप्ताह के भीतर छात्रसंघ चुनाव कराने का प्रावधान है।महाविद्यालयों में भी बढ़ी सक्रियता,विद्यापीठ से संबद्ध हरिश्चंद्र पीजी कालेज सहित कई कालेजों में भी छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्रनेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। मैदागिन व नगर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग टंगना शुरू हो गया है।