सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट/ राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा NEET में धांधली के मामले में पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते साल्वरगिरोह के सरगना नीलेश कुमार उर्फ प्रेमकुमार उर्फ पीके को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जिला सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानतखारिज होने के बाद मंगलवार को अदालत ने पीके समेत छह आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने तीन टीमें गठित की है। पीके की अग्रिम जमानत अर्जी सोमवार को न्यायालय से खारिज हो गई थी। पीके अब हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने वाला था। हाइकोर्ट में यदि अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल हो जाती तो फिर पुलिस को अदालत से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट नहीं मिल पाता। इसी के मद्देनजर कमिश्नरेट पुलिस ने तेजी दिखाते हुए अदालत में अपने साक्ष्यों व दलीलों के आधार पर पीके व उसके संपर्क में आए पांच अन्य आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। अदालत ने फुलवारी पटना, बिहार निवासी पीके समेत साउथ त्रिपुरा के पालपारा निवासी दिव्य ज्योति नाग, त्रिपुरा निवासी मृत्युंजय देव नाथ, तुलसीपुर, बलरामपुर निवासी अफरोज, आजमगढ़ के मुबारकपुर थानांतर्गत सरैया निवासी मुन्तजीर व बेंगलुरु, कर्नाटक निवासी आशुतोष राव उर्फ अंश के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।12 सितंबर को नीट परीक्षा का आयोजन किया गया था। सारनाथ क्षेत्र स्थित एक स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में बीएचयू की बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी त्रिपुरा की हिना विश्वास के स्थान पर बैठी थी। परीक्षा के दौरान ही क्राइम ब्रांच ने केंद्र में छापेमारी कर जूली व उसकी मां बबिता देवी को पकड़ा था। इस प्रकरण में अब तक छह आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।सीपी ए. सतीश गणेश ने बताया कि साल्वर गिरोह के मामले में साक्ष्य संकलन की कार्यवाही पूरी होने के कगार पर है। पुलिस के पास मजबूत साक्ष्य हैं, जिसके आधार पर हमनें न्यायालय से एनबीडब्लू लिया है। होनहार बच्चों का भविष्य खराब करने वाले गिरोह में शामिल किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा।