प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत चिन्ता का विषय है, बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है। फिर भी कुछ शरारती ताकते कानून को ठेंगा दिखा रही है। ज्यादातर जहरीली शराब से मौत भाजपा सांसद के संसदीय क्षेत्र में हो रहा है। सरकार सूक्ष्म तरीके से पूरे मामलें पर अनुसंधान करवा रही है। संलिप्त लोगों को बख्सा नहीं जायेगा, चाहे कोई भी हो, कई लोगों को पकड़ा भी गया है। अवैध व्यापार में जो लोग शामिल हैं उसे भाजपा समर्थन कर रही है। सबको पता है कि जहर पीने वाले की मौत हो जाना है, फिर भी सबक नहीं लेना आश्चर्य का विषय है। ये तो प्रमाणित हो गया कि शराब बंदी सही और जरूरी है। शराब बंदी के समय भाजपा ने शपथ ली थी कि शराब नहीं पियेंगे। फिर भी भाजपा शराब और शराबियों के पक्ष में क्यों खड़ी है? अगर भाजपा शराब खोलने का पक्षधर है तो सदन में ध्यानाकर्षण लाकर अपनी मंशा सरकार के पास पहुंचायें। देश में भाजपा शासित राज्यों मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, उतर प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा जहरीली शराब से मौत हुई पर इस पर भाजपा चुप क्यों? जबकि भारत की सरकार सदन में स्वीकार की है कि इन राज्यों में जहरीली शराब से मौत के आंकड़े ज्यादा हैं। गुजरात जहां शराबबंदी है वहां जहरीली शराब से मौत के आंकड़े ज्यादा क्यों?
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा लगातार शराब खोलवाने के हिमायती होते जा रहे हैं। इनके ही विधान पार्षद शराब पीने के कारण पकड़े गये, क्या कार्रवाई भाजपा की बतायें? क्या कारण है कि जहां भाजपा विधायक या सांसद है वहीं जहरीली शराब से मौत हो रही है। भाजपा शराबबंदी विरोधियों को लेकर पुतला दहन करवा रही है। दूसरे तरफ सदन में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समय आवंटन से ज्यादा बोले फिर भी विधान सभा अध्यक्ष पर अंगुली उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह संसदीय व संवैधानिक पद के आचरण के विरूद्ध है। ये बातें संयुक्त वक्तव्य में प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं एजाज अहमद ने कही है।