निखिल दुबे की रिपोर्ट /फुलवारी शरीफ lसोमवार को फुलवारी शरीफ के सरजमीं पर कदम रखने वाले प्रथम सूफी संत हजरत मखदूम मिन्हाजुद्दीन रास्ती रहमतुल्लाह अलैह का 657 वां सलाना उर्स मुबारक शानो-शौकत से मनाया गया.टमटम पड़ाव मजार पर कोई अकीदतमंद हाथ फैला कर दुआ करते रहे तो कोई रो रोकर अपनी गुनाहों की माफी मांगते देखे गए. यह सिलसिला देर रात चलता रहा .देर शाम खानकाह मुजीबिया के सज्जादानशीं सय्यद शाह पीर हजरत मौलाना आयतुल्लाह कादरी ने भी हजरत मखदूम मिन्हाजुद्दीन रास्ती रहमतुल्लाह अलैह के मजार पर फतिहा पढ़ी और दूआएं मांगी. उसके बाद सज्जादानशीं की सरपरस्ती में कुल और फतिहा हुआ. जिसमे हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.ऐसी मान्यता है कि सच्चे दिल से हजरत मखदूम मिन्हाजुद्दीन रास्ती रहमतुल्लाह अलैह के मजार पर मांगी गयी मुरादें जरूर पूरी होती है.उर्स को लेकर सुबह से ही दूर दराज से अकीदत मंदो की भीड़ उमड़ने लगी. यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा.सालाना उर्स को लेकर सुबह में हजरत सय्यद मखदूम मिन्हाजुद्दीन रास्ती रहमतुल्लाह अलैह के मजार की गुसुल (स्नान) की रस्म अदा की गयी. उसके बाद कुरआन ख्वानी का आयोजन किया गया. पूर्व सांसद प्रोफेसर डॉक्टर रंजन प्रसाद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि , नगर परिषद के चेयरमैन मो. आफताब आलम , राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर आलम,अकलियत गोलबंद मोर्चा के नेता मो इश्तेयाक अहमद रास्ती, रालोसपा नेता अशोक राम ने हजरत मखदूम की मजार पर चादर पोशी करते हुये प्रदेश और देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगी.साथ में वार्ड पार्षद मो शाहबाज हुसैन उर्फ मिन्हाज, राजद नेता कौसर खान, पप्पू ख़ान, बाबा मुराद,महमूद आलम, अंज़ार अहमद, तसलीम अंसारी, अश्फ़ाक आलम, सोहेल अख़्तर, मो राजा, केसर परवेज़ बबलू,मो जावेद जमा,समेत अन्य मौजूद रहे.उर्स के मौक पर दरगाह परिसर मे मेला लगा हुआ है. जहां कई प्रकार की मिठाइयां और बच्चों के लिए खेलौने के दूकान सजे थे. देर रात तक दुआ फातेहा का सिलसिला जारी रहा. उर्स मुबारक को लेकर इलाके में आवागमन एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. एडिशनल एसपी विक्रम सेहाग, थानाध्यक्ष शफिर आलम उर्स को लेकर मुस्तैदी से सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते रहे. यहां मजार पर सालाना उर्स का कार्यक्रम सुलतान रास्ति की देखरेख में संपन्न हुआ. फुलवारी और उसके आसपास इलाकों से बैंड बाजा, घोड़ा हाथी के साथ भी अकीदत मंदो ने चादर पोशी की और शिरनी चढ़ाई. मजार पर पहुंचे अकीदतमंदों में जबतदस्त उत्साह देखा गया.