संतोष कुमार झा की रिपोर्ट /पटना: खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के माध्यम से बीसीए पर कब्जा करना चाहते थे, परवत्ता के विधायक डा. संजीव कुमार और जब उनकी दाल नहीं गली तो वे अपनी विधायकी का प्रभाव जमा कर तरह-तरह के कुचक्र रचने लगे। खगड़िया जिला क्रिकेट से जुड़े क्लब के पदाधिकारियों ने इनके साजिश को समझ लिया, और इनको खगड़िया जिला क्रिकेट संघ से बाहर का रास्ता दिखा दिया, तबसे वे बीसीए को तरह-तरह से उलझन में डालने और बदनाम करने में लग गए। जब इनकी दाल बीसीसीआई, पटना डी एम के आदेश पर गठित जांच कमेटी एवं विभिन्न न्यायालयों में नहीं गली तो इन्होने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए विधायक होने का फायदा उठाकर पूरे सदन को गुमराह करके बीसीए को बदनाम किया है। ये बातें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य प्रवक्ता तथा माननीय पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र और खगड़िया जिला क्रिकेट संघ (तदर्थ कमेटी) के चेयरमैन बाबू लाल शौर्य ने आज यहाँ संयुक्त बयान जारी कर कही है। जारी बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को बिहार विधान सभा में ध्यानकर्षण के दौरान परवत्ता विधायक डा. संजीव कुमार ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के माननीय अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और बीसीए के एक कर्मचारी का नाम लेकर बीसीए को वे वजह बदनाम करने की साजिश की है, जबकि उनके द्वारा दिये गए वक्तव्य का कोई आधार नहीं है। दुर्भावना से ग्रसित होकर विधायक ने व्यक्ति लाभ के लिए सदन में सवाल उठाए हैं, ताकि वे बीसीए पर दवाब बनाकर तरह तरह के लाभ अर्जित कर सके। विधायक डा. संजीव कुमार इससे पूर्व भी लगातार शिकायत करते रहे हैं हैं, और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री श्री सुनील कुमार जांच का आदेश देते रहे हैं जबकि किसी भी जांच में बीसीए के विरुद्ध कुछ भी नहीं पाया गया है। डा संजीव कुमार और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री के द्वारा भी चयन के लिए नाजायज दवाब पर सभी सबूतों को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन समाज के समक्ष रखेगी और परवत्ता विधायक संजीव कुमार तथा माननीय मंत्री के करतूतों से माननीय न्यायालय को भी अवगत कराया जाएगा। माननीय मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग अपने एक मित्र के पुत्र के चयन के लिए लगातार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर दवाब बनाते रहते हैं, जबकि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के चयनकर्ता के द्वारा उक्त खिलाड़ी का योग्यता के अनुसार चयन भी किया गया, लेकिन जब भी टीम में नहीं होता है, तो दवाब बनते हैं, अब तक इनके विभाग के द्वारा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के ऊपर तीन-चार जांच कमेटी बनाकर जांच की जा चुकी है, लेकिन किसी जांच में कुछ भी नहीं आया। हाल में भी पटना के जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दो जांच कमेटी का गठन कर जांच की गई है। इनके द्वारा बीसीसीआई में भी शिकायत की गई थी, वहाँ से भी संयुक्त सचिव श्री देवजीत सैकिया, के नेतृत्व में लीगल और फाइनेंश हेड के साथ जांच कमेटी पटना आकर बीसीए की सभी पहलुओं पर जांच की और बीसीए के सभी कार्यकलापों को नियमानुकुल सही पाया। इससे संबन्धित सभी साक्ष्य पटना जिलाधिकारी के आदेश से गठित कमेटी को भी बीसीए के द्वारा हस्तगत कराया जा चुका है। जारी बयान में कहा गया है कि डा. संजीव कुमार को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जा करना है, और मंत्री महोदय को अपने मित्र के सुपुत्र को लगातार क्रिकेट खेलाना है। डा. संजीव कुमार शिकायत करते हैं और मंत्री महोदय जांच का आदेश देते है, इस जुगल बंदी का बिहार क्रिकेट एसोसिएशन शीघ्र पर्दाफाश करेगी। खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष डा. संजीव कुमार के द्वारा पूर्व में किए गए संघ विरोधी करतूतों के कारण इन्हें बीसीए के आम सभा के द्वारा अवांछित तत्व घोषित किया जा चुका है। इन्होने खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के चुनाव को बल पूर्वक प्रभावित करना चाहा, पर्यवेक्षक पर झूठा केस तक करवाया। विधायक डा. संजीव कुमार एक मनोरोगी व्यक्ति है, और क्रिकेट के विरोधियों के साथ मिलकर बिहार क्रिकेट को बदनाम करने की साजिश कर रहें है। बयान में कहा गया है कि राकेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में बीसीए के खिलाड़ी जिस तरह से अपना परचम पूरे देश में बल्कि विश्व में लहरा रहे हैं, यह इस बात का प्रमाण है कि सही खिलाड़ियों का चयन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा किया जाता रहा है। सकीबुल गनी का विश्व रेकार्ड बनाया तो आज वैभव सूर्यवंशी का चयन U-19 के सीरीज के INDIA-B टीम में हुआ है, इस सीरीज में इंग्लैंड और बांगलादेश की टीमे भाग ले रही है। इसके साथ हीं सीनियर बिहार टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज बिपिन सौरभ में जिस तरह से आई पी एल टीमें दिलचस्पी दिखा रही है, उससे उसका किसी न किसी टीम में चयन होना तय दिख रहा है। हमारे खिलाड़ी जिस तरह से देश की टीमों में जगह बना रहे हैं, वो हमारे निष्पक्ष चयन प्रक्रिया को पुष्ट करता है। बीसीए के द्वारा प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ गलत खिलाड़ियों पर निर्भीक होकर कारवाई भी किया जाता रहा है और आगे भी नियमानुकूल बीसीए के स्तर कारवाई होती रहेगी।